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पाकिस्तान में बुधवार को होगी वोटिंग, जानिए क्या है चुनावी समीकरण

पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। इससे पहले सोमवार को मध्यरात्री चुनाव प्रचार का दौर थम गया।

Updated on: 24 Jul 2018, 09:03 AM

नई दिल्ली:

पाकिस्तान में 25 जुलाई को आम चुनाव के लिए मतदान होगा। इससे पहले सोमवार मध्यरात्री चुनाव प्रचार का दौर थम गया। नेशनल असेंबली की 272 सीटों पर होने वाले मतदान को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां जीत को लेकर अपने-अपने दावे पेश कर रही है।

इस बार चुनाव में जहां एक तरफ सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) है तो वहीं क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है।

इस बार पाकिस्तान  नेशनल असेंबली के लिए 3,675 और प्रांतीय विधानसभाओं के लिए 8,895 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

मतदान से पहले ही कई वजहों से इलेक्शन चर्चा का विषय बन चुका है। लगातार राजनीतिक पार्टियां चुनाव फिक्स होने का आरोप लगा रही हैं और आम चुनाव में देश की खुफिया सुरक्षा एजेंसी आईएसआई के दखल होने की बात कह रही है।

सबसे मंहगा होगा इस बार का चुनाव

इस बार पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव खर्च को लेकर भी चर्चा में है। पाकिस्तान में इस बार का चुनाव सबसे महंगा चुनाव है। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक पाकिस्तान में इस बार पूरी चुनावी प्रक्रिया में तकरीबन 2,364 करोड़ रुपए (440 बिलियन पाक रुपए) खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है, जो 2013 के आम चुनावों से 10 फीसदी ज्यादा है।

कौन है प्रधानमंत्री के रेस में

इस बार आम चुनाव में शाहबाज शरीफ (पीएमएल-एन), इमरान खान (पीटीआई) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो प्रधानमंत्री के रेस में हैं।

इन तीनों नेताओं की बात करें तो शाहबाज शरीफ को नवाज शरीफ के मुकाबले देश की आवाम कितनी पसंद करेगी इस पर संशय बनी हुई है। अदालत द्वारा नवाज को अयोग्य करार दिए जाने के बाद शाहिद खाकान अब्बासी को देश का नया प्रधानमंत्री बनाया गया था। पीएमएल-एन को हालांकि नवाज के जेल जाने का 'राजनीतिक फायदा'  मिल सकता है क्योंकि देश में नवाज़ शरीफ़ को लेकर कुछ लोगों में सहानुभूति की लहर है।

वहीं दूसरी तरफ एक और नेता है जो पाकिस्तान के एक बड़े राजनीतिक घराने से है। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के बिलावल अली भुट्टो पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं ऐसे में वह कितना प्रभाव छोड़ने में कामयाब होंगे यह तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।

राजनीतिक मैदान पर अपनी पारी का आगाज 1997 में कर चुके पूर्व क्रिकेटर और पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान इस बार भी चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इमरान की पार्टी ने 2013 के आम चुनाव में पख्तूनख्वा प्रांत में बेहतरीन प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। पख्तूनख्वा प्रांत में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी।

सर्वे में इमरान पहली पसंद

पाकिस्तान के 'डॉन न्यूज' ने हाल में ही एक सर्वे कराया जिसके मुताबिक इमरान खान का प्रधानमंत्री बनने का सपना इस बार सच हो सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक 2013 चुनाव में जिन लोगों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को वोट दिया था, उनमें से 83.07 मानना है कि इस बार पीटीआई जीतेगी।

इमरान खान खुद पांच सीट कराची, लाहौर, रावलपिंडी, बन्नू और मियांवाली से चुनाव लड़ रहे हैं।

कई कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठन ले रहे हैं हिस्सा

इस बार चुनाव में कई आतंकी, कट्टरपंथी इस्लामी और धार्मिक संगठन भी आम चुनाव में काफी सक्रिय हैं। इसमें वह उम्मीदवार भी चुनावी मैदान में हैं जिनकी राजनीतिक पार्टी कानूनी तौर पर प्रतिबंधित है। इसमें सबसे आगे 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का साजिशकर्ता हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) है, उसके बाद तहरीक ए लब्बैएक पाकिस्तान, अहल-ए- सुन्नत वाल जमात, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल पार्टियां शामिल हैं।

13 ट्रांसजेंडर लड़ रहे हैं चुनाव

खबरों की माने तो पाकिस्तान में ट्रांसजेंडरों की संख्या कम से कम पांच लाख है। 25 जुलाई को होने वाले इस चुनाव में ट्रांसजेंडर समुदाय के 13 सदस्य भी चुनाव लड़ रहे हैं। पाकिस्तान में इस वर्ष होने वाले आम चुनाव में पहली बार कम से कम 13 ट्रांसजेंडर लड़ रहे हैं।

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