logo-image

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने चार आतंकियों को मौत की सजा सुनाई, 21 लोगों की हत्या में थे शामिल

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को जघन्य अपराधों में शामिल चार 'कट्टर आतंकवादियों' के फांसी की सजा पर मुहर लगा दी।

Updated on: 20 Sep 2017, 11:48 PM

highlights

  • इन पर सैन्य अदालतों द्वारा मुकदमा चलाया गया और इन्हें मौत की सजा सुनाई गई
  • यह नहीं बताया गया है कि मुकदमे का ट्रायल कब और कहां किया गया
  • चारों आतंकियों की पहचान शब्बीर अहमद, उमारा खान ताहिर अली और आफ्ताबुद दिन के रूप में की गई

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने बुधवार को जघन्य अपराधों में शामिल चार 'कट्टर आतंकवादियों' के फांसी की सजा पर मुहर लगा दी। इन आतंकियों पर कई तरह के जघन्य अपराध दर्ज थे।

इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, चारों आतंकवादी सुरक्षा बलों के अपहरण और उनकी हत्या, कानून प्रवर्तन एजेंसियों हमलों और कई आतंकी गतिविधियों में शामिल थे।

आईएसपीआर ने कहा कि ये आतंकवादी 21 लोगों की हत्या में शामिल थे और इनके पास से हथियार और विस्फोटक भी बरामद किए गए थे। चारों आतंकियों की पहचान शब्बीर अहमद, उमारा खान ताहिर अली और आफ्ताबुद दिन के रूप में की गई है।

इन पर सैन्य अदालतों द्वारा मुकदमा चलाया गया और इन्हें मौत की सजा सुनाई गई। हालांकि अब तक यह नहीं बताया गया है कि मुकदमे का ट्रायल कब और कहां किया गया।

सैन्य अदालत ने ट्रायल को गुप्त तरीके से किया, ताकि आतंकियों द्वारा कोई अप्रत्याशित घटना न हो। सभी आतंकियों पर अलग- अलग मामलों में जघन्य अपराध का मामला दर्ज था, जिसमें सुरक्षा बलों को मारने जैसे मामले शामिल थे।

बता दें कि पाकिस्तानी सैन्य अदालत की स्थापना साल 2014 में पेशावर के एक आर्मी स्कूल पर हुए तालिबानी हमले के बाद की गई थी। इस जघन्य हमले में 150 लोग मारे गए थे, जिसमें अधिकतर छात्र थे।

और पढ़ें: सशस्त्र सीमा बल पर आतंकी हमले में एक जवान की मौत