logo-image

'मोदी है तो मुमकिन है'- अब अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने दोहराया नारा

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने बीजेपी के लोकप्रिय चुनावी नारे 'मोदी है तो मुमकिन है' को दोहराते हुए भारत-अमेरिकी संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की बात कही है.

Updated on: 13 Jun 2019, 12:22 PM

highlights

  • 24 जून से हिंद-प्रशांत देशों की यात्रा पर हैं अमेरिकी विदेश मंत्री.
  • भारत के साथ परस्पर संबंधों को नए मकाम पर पहुंचाने की उम्मीद.
  • चीन के सापेक्ष हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत को तरजीह देना मकसद.

नई दिल्ली.:

इस महीने अपनी भारत यात्रा से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो (Mike Pompeo) ने बीजेपी के लोकप्रिय चुनावी नारे 'मोदी है तो मुमकिन है' को दोहराते हुए भारत-अमेरिकी (India-US Ties) संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि ट्रंप औऱ मोदी प्रशासन के पास इसे अंजाम देने के लिए विशिष्ट अवसर मौजूद हैं. गौरतलब है कि माइक पॉम्पियो इस माह के अंत में भारत यात्रा पर आ रहे हैं. इस दौरान इरान से तेल आपूर्ति और एच-1 वीजा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर से सकारात्मक चर्चा हो सकती है.

यह भी पढ़ेंः पोलैंड में अमेरिका 1,000 और सैनिकों की करेगा तैनाती : व्हाइट हाउस

संबंधों में असीम संभावनाएं हैं
इंडिया आइडियाज समिट में बोलते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, 'प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) (Prime Minister Narendra Modi) ने अपने लोकसभा चुनाव अभियान में नारा दिया था 'मोदी है तो मुमकिन है'. अमेरिका भी द्विपक्षीय संबंधों के संदर्भ में भारत के साथ हरसंभव अवसर खंगालने को तत्पर है.' उन्होंने कहा हम सदाबहार मजबूत संबंध (Bilateral Relations) स्थापित करते हुए रणनीतिक मोर्चे पर काम करना चाहते हैं, जिससे दोनों देशों को फायदा हो. मोदी और ट्रंप प्रशासन के नेतृत्व में हम भविष्य के लिए असीम संभावनाएं देखते हैं.

यह भी पढ़ेंः SCO Summit से पहले रूस और चीन के राष्‍ट्रपति से मुलाकात करेंगे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें 10 बड़ी बातें

आतंकवाद पर भारत के साथ अमेरिका
इसी महीने अपनी नई दिल्ली यात्रा और अपने समकक्ष भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) से मुलाकात के मद्देनजर माइक पॉम्पियो ने 'बड़े विचार और बड़े अवसर' का हवाला देते हुए उन मसलों को भी उठाया जिनकी बदौलत भारत-अमेरिका अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के नेतृत्व में भारत के साथ रक्षा संबंधों को नए मकाम तक पहुंचाया है. यही नहीं, हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझा दृष्टिकोण विकसित करते हुए अमेरिका ने आंतकवाद को दिए जा रहे समर्थन के लिए पाकिस्तान के प्रति कड़ा रवैया अख्तियार किया है.

यह भी पढ़ेंः धर्म के आधार पर होने वाली हिंसा की निंदा करे भारत: ट्रंप प्रशासन

चीन के मुकाबले भारत को तरजीह
गौरतलब है कि 24 से 30 जून से माइक पॉम्पियो भारत, श्रीलंका, जापान और दक्षिण कोरिया के दौरे पर हैं. माइक का मकसद इस यात्रा से सामरिक लिहाज से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत (Indo Pacific Region) क्षेत्र में अमेरिका की प्रभावी भूमिका तय करना है. हिंद प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन की तरफ संकेत करते हुए हुए पॉम्पियो ने कहा कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र को सबसे पुराने लोकतंत्र से मिलकर साझा दृष्टिकोण पर काम करना चाहिए. पॉम्पियो की यात्रा से साफ है कि वह क्षेत्र में चीन के मुकाबले शक्ति संतुलन (Power Balance) स्थापित करने की अमेरिकी नीति पर अमल कर संबंधित देशों से परस्पर संबंधों को प्रगाढ़ता देने का काम करेंगे.