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अनौपचारिक होगी मोदी-पुतिन मुलाकात, सोची बैठक में नहीं होगा बातचीत का कोई एजेंडा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 21 जून को होने वाली मुलाकात अनौपचारिक होगी, जिसमें किसी विशेष एजेंडे पर कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

Updated on: 17 May 2018, 11:04 PM

highlights

  • रूस के सोची में पीएम मोदी और व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली बैठक में नहीं होगा कोई एजेंडा 
  • चीनी के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद रूसी राष्ट्रपति से होगी अनौपचारिक मुलाकात

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 21 जून को होने वाली मुलाकात अनौपचारिक होगी, जिसमें किसी विशेष एजेंडे पर कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

सूत्रों ने कहा, 'दोनों नेताओं के बीच अनौपचारिक बातचीत होगी। राष्ट्रपति पुतिन, मोदी के सम्मान में लंच का आयोजन करेंगे। बातचीत का कोई विशेष एजेंडा तय नहीं किया गया है।'

सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक की अधिकांश बातचीत में आमने-सामने होगी और इसमें प्रतिनिधिमंडल को खास जगह नहीं दी जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक मोदी और पुतिन वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बात करेंगे। इसकेसाथ ही भारत-रूस के बीच सहयोग और ब्रिक्स के मुद्दों पर चर्चा किए जाने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, 'दोनों नेताओं के बीच होने वाली बातचीत में वैश्विक आतंकवाद, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, सीरिया की स्थिति के साथ आईएस पर बात किए जाने की संभावना है।'

माना जा रहा है कि इस दौरान भारत रूस असैन्य परमाणु समझौते पर भी बातचीत हो सकती है।

इस बीच इंटीग्रेटेड चेंबर्स ऑफ कॉमर्स (आईसीसीआई) ने कहा है कि अमेरिका और चीन के बीच तेजी से बढ़ते वैश्विक टकराव के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 मई का रूस दौरा भारत और रूस के संबंधों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

आईसीसीआई के निदेशक मानवेंद्र कुमार ने कहा, 'अप्रैल में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सफल शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री की रूस यात्रा काफी महत्वपूर्ण है जिसमें भारत के बढ़ते आर्थिक कद को और वैश्विक बल मिलेगा।'

कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री की रूस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर होंगे। वहीं भारत के आर्थिक हित को काफी लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा, 'इस यात्रा के दौरान भारत में निवेश के अवसर पर विशेष चर्चा होगी जिसका फायदा देश को मिलेगा।'

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