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ईरान में जारी विद्रोह के बीच राष्ट्रपति रुहानी ने की शांति की अपील, ट्रंप के आरोपों को किया खारिज

राष्ट्रपति हसन रुहानी के शांति बनाए रखने की अपील और 'आलोचना के लिए जगह होने' की गुहार के बावजूद ईरान में देर रात फिर विरोध-प्रदर्शन हुआ है।

Updated on: 01 Jan 2018, 03:06 PM

तेहरान:

राष्ट्रपति हसन रुहानी के शांति बनाए रखने की अपील और 'आलोचना के लिए जगह होने' की गुहार के बावजूद ईरान में देर रात फिर विरोध-प्रदर्शन हुआ है।

बीती रात हुए प्रदर्शन के बाद आखिरकार राष्ट्रपति रुहानी ने अपनी चुप्पी तोड़ी, जो साल 2009 में ईरान में हुए बड़े विद्रोह के बाद अब देश की सत्ता के लिए चुनौती बन रही है। देर रात तेहरान में पुलिस को विद्रोहियों को हटाने के लिए आंसू गैस और पानी की बौछारें करनी पड़ी थी।

आईएलएनए न्यूज़ एजेंसी ने जानकारी दी कि विद्रोहियों ने उत्तरी-पश्चिमी टेकस्टान में पादरियों और सरकारी भवनों के एक स्कूल को जला दिया। जबकि देश के ब्रॉडकास्टर ने कहा कि चुराए गए दमकल गाड़ी की टक्कर से 2 लोग विद्रोह में मारे गए।

देश के इज़ेह (दक्षिण-पश्चिम), केरमानशाह और खोरामाबाद (पश्चिम), शाहिन्शाहर (उत्तर-पश्चिम) और ज़ंजीन (उत्तर) के शहरों में विरोध की खबरें भी सामने आ रही थीं।

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आर्थिक हालातों के विरोध में गुरुवार को दूसरे शहर माशद में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन जल्द ही इस्लामिक राज्य के खिलाफ ही तब्दील हो गया जिसमें ईरान के शहरों में हज़ारों लोगों ने 'तानाशाह के लिए मौत' के नारे के साथ विद्रोह शुरू कर दिया।

रूहानी ने स्टेट ब्रॉडकास्टर पर संदेश जारी कर कहा, 'लोग पूरी तरह से अपनी आलोचनाओं और विरोध प्रदर्शनों को व्यक्त करने में बिल्कुल स्वतंत्र हैं। लेकिन आलोचना हिंसा से भिन्न है और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाती है।'

उन्होंने एक सौहार्दपूर्ण व्यवहार की मांग की, जिसमें कहा गया था कि सरकारी निकायों को 'कानूनी आलोचना और विरोध के लिए जगह प्रदान करनी चाहिए' और साथ ही अधिक पारदर्शिता और अधिक संतुलित मीडिया के लिए आह्वान किया। 

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वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा 'बड़े प्रदर्शन' बताते हैं कि 'लोग समझदार हो रहे हैं और जान रहे हैं कि कैसे उनका पैसा और संपत्ति आतंकवाद को समर्थन देने के लिए ख़त्म की जा रही है।'

ट्रंप ने ट्वीटर पर लिखा, 'ऐसा लगता है कि वो ज़्यादा समय तक इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।' 

इसके बाद ट्रंप ने एक दूसरे ट्वीट में ईरान पर 'मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया' और सोशल मीडिया में रुकावट के लिए लिखा 'अब इंटरनेट बंद हो गया है ताकि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन आगे न बढ़ सके। यह अच्छा नहीं है।'

रुहानी ने ट्रंप के आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि, 'अमेरिका में वो श़ख्स जो हमारे लोगों के साथ सहानुभूति जता रहा है, भूल गया है कि कुछ महीने पहले ही उसने ईरान को आंतकवादी देश बताया था।'

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