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नेपाल के राष्ट्रपति की अपील, समरसता लाने के लिये राजनीतिक दल संविधान लागू कराएं

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे नए संविधान को लागू करा कर और और उसमें लाए गए संशोधन का समर्थन कर देश में समरसता बनाए रखें।

Updated on: 05 Dec 2016, 07:50 PM

काठमांडू:

नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे नए संविधान को लागू करा कर और और उसमें लाए गए संशोधन का समर्थन कर देश में समरसता बनाए रखें।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन में बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में रराजनीतिक दलों से ये बात कही।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के उपाध्यक्ष नारायण काजी श्रेष्ठ ने बताया कि राष्ट्रपति विद्या ने चिंता जताई कि यदि नया संविधान लागू नहीं हो पाया तो उसके गलत परिणाम सामने आ सकते हैं।

श्रेष्ठ ने कहा कि राष्ट्रपति ने सभी दलों से देश में राजनीतिक स्थायित्व सुनिश्चित करने और संविधान संशोधन से जुड़े पेचीदा मुद्दों पर आम सहमति बनाने का आह्वान किया।

विद्या भंडारी ने कहा, "दूरगामी प्रभाव वाला कोई भी फैसला लेते समय राजनीतिक दलों को देश की संप्रभुता और राष्ट्रीय एकता बनाए रखने को लेकर सचेत रहने की जरूरत है।"

बैठक में मधेसी दलों सहित विभिन्न सत्तारूढ़ एवं विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति के साथ अपने विचार साझा किए।

यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' द्वारा पिछले हफ्ते संसद में पेश संविधान संशोधन प्रस्ताव को लेकर तकरार जारी है।

संशोधन विधेयक में पश्चिमी नेपाल से मधेसी दलों की मांगें पूरी करने के लिए एक नया राज्य गठित करना है। मधेसी दलों का कई महीनों तक चले विरोध प्रदर्शन में पिछले वर्ष 50 से अधिक लोगों की मौत हुई थी।

कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्‍सवादी लेनिनवादी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (मार्क्‍सवादी लेनिनवादी), राष्ट्रीय जनमोर्चा पार्टी (नेपाल) और नेपाल वर्कर्स पीजेंट्स पार्टी जैसे विपक्षी दल संशोधन विधेयक का विरोध कर रहे हैं।