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पनामागेट मामले में पीएम नवाज शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को किया खारिज

पनामगेट मामले में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कानूनी सलाहकारों ने जेआईटी की जांच रिपोर्ट को गैरकानूनी और पक्षपाती बताते हुए खारिज कर दिया।

Updated on: 17 Jul 2017, 11:34 PM

highlights

  • पनामागेट मामले में नवाज शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को किया खारिज
  • पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट में चल रही नवाज खिलाफ मामले की सुनवाई

नई दिल्ली:

पनामगेट मामले में फंसे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के कानूनी सलाहकारों ने जेआईटी की जांच रिपोर्ट को गैरकानूनी और पक्षपाती बताते हुए खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस की सुनवाई में जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपते हुए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी पर केस दर्ज करने की मांग की थी।

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगने के बाद पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने 6 सदस्यों वाली संयुक्त जांच टीम (जेआईटी) का गठन किया था। 67 साल के नवाज शरीफ और उनके परिजनों पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेआईटी ने 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सौंपी थी।

नवाज शरीफ के तरफ से ख्वाजा हरीस ने कोर्ट में जवाब देते हुए कहा, 'जेआईटी रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए हैं वो पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं और मूल तथ्यों के साथ छेड़ छाड़ भी की गई है।' ख्वाज ने कहा, 'ये जेआईटी रिपोर्ट ना सिर्फ कानून के खिलाफ है बल्कि ये देश के संविधान के खिलाफ भी है इसलिए कानूनी रूप से इसका कोई मूल्य नहीं है।'

जेआईटी के दूसरे देशों से भी पनामागेट से जुड़े मामले में कागजात मंगवाने पर सवाल उठाते हुए ख्वाजा ने कहा ये देश के कानू ओर संविधान के खिलाफ है। ख्वाजा ने कोर्ट से जेआईटी रिपोट् के 10 खंड को भी उपलब्ध कराने का आग्रह किया जिसकों जेआईटी ने गोपनीय बना रखा है।

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न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान, न्यायमूर्ति शेख अजमत तथा न्यायमूर्ति इजाजुल हसन की तीन सदस्यीय पीठ ने इस हाईप्रोफाइल मामले की सुनवाई कर रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने 20 अप्रैल को शरीफ के परिवार की संपत्ति की जांच का आदेश दिया था, जिसके बाद एक संयुक्त जांच दल (जाआईटी) का गठन किया गया था।

जांच दल ने 10 जुलाई को 60 दिनों की जांच रिपोर्ट सर्वोच्च न्यायालय को सौंप दी। जेआईटी ने शरीफ परिवार पर झूठा होने तथा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति होने का आरोप लगाया।

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रिपोर्ट में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि शरीफ परिवार लंदन में अपार्टमेंट के लिए पैसों का स्रोत बताने में नाकामयाब रहा। रिपोर्ट आने के बाद शरीफ ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया।

जेआईटी ने अपनी रिपोर्ट में शरीफ के बच्चों-बेटी मरियम नाज तथा बेटों हसन व हुसैन नवाज पर 'फर्जी' दस्तावेज जमा कराने का आरोप लगाया है। रिपोर्ट के मुताबिक, मरियम नवाज पर लंदन में दो आलिशान अपार्टमेंट लेने के लिए जाली कागजातों पर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाया गया है।

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सुनवाई से पहले, आवामी मुस्लिम लीग (एएमएल) की प्रमुख शेख रशीद सहित विपक्ष के नेता सर्वोच्च न्यायालय पहुंचे और संवाददाताओं से बातचीत में शरीफ के इस्तीफे की मांग को दोहराया।

विपक्षी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान ने कहा कि प्रधानमंत्री जेल जाएंगे और अगर न्यायालय उन्हें पद से हटाने में नाकाम रहा, तो वह विरोध-प्रदर्शन करेंगे।

पीटीआई के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा कि उनके वकील नईम बुखारी ने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है कि अगर जरूरत पड़े तो शरीफ को जिरह के लिए बुलाया जाए, संसद के लिए उन्हें अयोग्य ठहराया जाए तथा उनके व उनके परिवार के खिलाफ मामलों को अकाउंटिबिलिटी कोर्ट को भेजा जाए।

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