logo-image

नवाज शरीफ के इस्तीफे से बच गया पाकिस्तानी स्टॉक मार्केट, जादुई तरीके बाजार ने की वापसी

सुप्रीम कोर्ट के नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद ही एक ही झटके में पाकिस्तानी निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये डूब गए। हालांकि जादुई तौर पर बाजार ने भारी नुकसान की भरपाई भी कर ली।

Updated on: 28 Jul 2017, 08:24 PM

highlights

  • पनामागेट मामले में नवाज शरीफ को दोषी करार दिए जाने के बाद पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में कोहराम
  • हालांकि नवाज शरीफ के इस्तीफे ने पाकिस्तानी निवेशकों और शेयर बाजार को डूबने से बचा लिया
  • नवाज शरीफ के इस्तीफे के बाद उनके भाई शाहबाज शरीफ का प्रधानमंत्री बनना तय हो चुका है

नई दिल्ली:

पनामागेट मामले में नवाज शरीफ को दोषी करार दिए जाने के बाद पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज में कोहराम मच गया। 

सुप्रीम कोर्ट के नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद ही एक ही झटके में पाकिस्तानी निवेशकों के लाखों करोड़ों रुपये डूब गए। हालांकि जादुई तौर पर बाजार ने भारी नुकसान की भरपाई भी कर ली।

पनामागेट में दोषी करार दिए गए नवाज शरीफ ने अपने एक फैसले से पाकिस्तानी निवेशकों को बर्बाद होने से बचा लिया।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्तानी स्टॉक एक्सचेंज दिन भर के कारोबार के दौरान 1600 से अधिक अंकों तक टूट गया। लेकिन अंतिम कारोबारी घंटों ने बाजार ने जबरदस्त वापसी की। कराची स्टॉक एक्सचेंज गुरुवार को महज 6.27 अंकों की गिरावट के साथ 45,912 पर बंद हुआ।

नवाज शरीफ के छोटे भाई शाहबाज़ होंगे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के तत्काल बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की आशंका बढ़ गई थी, जिसकी वजह से बाजार में भगदड़ मची।

पनामागेट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कुछ दिनों पहले शरीफ की पार्टी पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) का दिया गया बयान था, जिसमें इस फैसले को नहीं मानने की तरफ इशारा किया गया था।

शरीफ की पार्टी ने पनामागेट की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) पर अहम सबूतों की अनदेखी का आरोप लगाया था।

शरीफ की पार्टी के इन संकेतों के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की आशंका जताई जा रही थी, क्योंकि सभी विपक्षी दलों ने शरीफ के खिलाफ सड़कों पर उतरने की चेतावनी दे रखी थी। 

इसमें सबसे आगे क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ थी।

इमरान पनामागेट मामले को लेकर पहले भी आंदोलन कर चुके हैं। शरीफ और उनके परिवार के भ्रष्टाचार के खिलाफ इमरान 2016 में इस्लामाबाद को घेरने की योजना बना चुके थे और इस दौरान लाहौर एवं कराची में व्यापक हिंसा हुई थी।

शरीफ को दोषी ठहराए जाने के फैसले को बाजार पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता की शुरुआत के संकेतों के तौर पर पढ़ रहा था और इसी वजह से फैसला आते ही बाजार में भगदड़ मच गई।

हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नवाज शरीफ के इस्तीफे ने राजनीतिक विरोध और प्रदर्शनबाजी के कयासों को पूरी तरह से खत्म कर दिया। बाजार ने शरीफ के इस्तीफे पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए आखिरी घंटों में दिन भर के नुकसान की भरपाई कर ली।

शरीफ के इस्तीफे और उनके छोटे भाई और पंजाब के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के पाकिस्तान के अगले प्रधानमंत्री बनने की घोषणा ने निवेशकों को भरोसा देने का काम किया।

पनामागेट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ को दोषी ठहराते हुए उनके खिलाफ मुकदमा चलाए जाने का आदेश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने उन्हें प्रधानमंत्री पद पर बने रहने के लिए अयोग्य साबित कर दिया।

कोर्ट ने नैशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो को छह हफ्ते के भीतर पूरे मामले को निपटाने का आदेश दिया।

पनामा पेपर मामले में दोषी साबित होने के बाद नवाज शरीफ ने दिया इस्तीफा