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म्‍यांमार की सेना पर मानवाधिकार उल्‍लघंन का आरोप, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र (UN) के फैक्ट फाइंडिंग मिशन की रिपोर्ट में म्‍यांमार की सेना को दोषी माना गया है।

Updated on: 28 Aug 2018, 12:17 PM

न्यूयॉर्क:

संयुक्त राष्ट्र (UN) के फैक्ट फाइंडिंग मिशन की रिपोर्ट में म्‍यांमार की सेना को दोषी माना गया है। इस रिपोर्ट में आराेप लगाया गया है कि म्यांमार की सेना ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है। इसमें कहा गया है कि सेना ने रोहिंग्या मुसलमानों की हत्या की, उन्हें जेल में डाला और यौन शोषण भी किया है, लिहाजा म्यांमार के सैन्य अफसरों पर नरसंहार का मुकदमा चलना चाहिए। वहीं फेसबुक ने म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल हलैंग और वहां के कई अन्य सैन्य अफसरों के अकाउंट बंद कर दिए हैं।

इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी इस रिपोर्ट को हेग (नीदरलैंड) स्थित इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट को सौंप दिया है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। रिपोर्ट में कमांडर इन चीफ सीनियर जनरल मिन आंग हलैंग समेत छह मिलिट्री अफसरों के नाम हैं। इस मिशन का हिस्सा रहीं अफसर राधिका कुमारस्वामी ने सोमवार को बताया है कि म्यांमार में अफसरों ने काफी गलतियां की हैं। वे हालात को नियंत्रित करने में नाकाम रहे। हमारे पास इस बात के सबूत हैं। हमने सारे नाम यूएन ह्यूमन राइट्स कमिश्नर जीद राद अल हुसैन को सौंप दिए हैं।

सू की ने कोशिश नहीं की

रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की सरकार की प्रमुख होने के बाद भी अपनी ताकत का इस्तेमाल नहीं कर पातीं। उन्होंने नैतिक आधार के चलते भी रखाइन राज्य में हुई घटनाओं को रोकने की कोशिश नहीं की। म्यांमार में करीब 50 साल सैन्य शासन रहा। वहां मिलिट्री कमांडरों को पूरी ताकत हासिल है। सेना को सब कुछ करने की आजादी है।

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रिपोर्ट का समर्थन किया

एमनेस्टी इंटरनेशनल और सेव द चिल्ड्रन समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने यूएन की इस रिपोर्ट का समर्थन किया है। पिछले साल अगस्त में लाखों रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार की सीमा पारकर बांग्लादेश में दाखिल हुए थे। वहां उन्होंने शरणार्थी कैंपों में पनाह ली थी।

म्यांमार की सेना ने आरोपों को नकारा

म्यांमार आर्मी अपने ऊपर लगाए आरोपों से लगातार इनकार कर रही है। अफसरों का कहना है कि केवल रोहिंग्या आतंकियों को निशाना बनाया गया, जो अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी नामक आतंकी गुट से जुड़े हैं। इस गुट ने कई पुलिस चौकियों को निशाना बनाया था।

Face book ने बंद किए अकाउंट

फेसबुक ने सोमवार को म्यांमार के सेना प्रमुख जनरल हलैंग और वहां के कई अन्य सैन्य अफसरों के अकाउंट बंद कर दिए। उनकी ओर से नफरत भरे भाषण और फेक न्यूज पोस्ट की जा रही थीं। यूनाइटेड नेशंस (यूएन) ने सोमवार को म्यांमार आर्मी के जनरल मिन आंग हलैंग समेत अन्य आला अफसरों को नरसंहारक कहा था।फेसबुक ने बताया कि इन सैन्य अफसरों से संबंधित 18 फेसबुक अकाउंट, 52 फेसबुक पेज और एक इंस्टाग्राम अकाउंट ब्लॉक किया गया। साथ ही, उन पर पोस्ट किया गया डेटा और कंटेंट हटा दिया गया। फेसबुक के मुताबिक, इन पेजों और अकाउंट्स को 1.20 करोड़ लोग फॉलो कर रहे थे। सोशल मीडिया कंपनी ने कहा कि हम ऐसे लोगों को रोकना चाहते हैं, जो हमारी सेवाओं का इस्तेमाल धार्मिक और जातिवादी विवादों को भड़काने में कर रहे हैं।