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अगर EU वार्ता विफल रही तो दोबारा ईरान करेगा यूरेनियम संवर्धन

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने शनिवार को कहा कि ईरान के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद अगर यूरोपीय संघ (ईयू) अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहता है तो देश यूरेनियम संवर्धन करेगा.

Updated on: 16 Sep 2018, 04:02 PM

नई दिल्ली:

ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने शनिवार को कहा कि ईरान के ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने के बाद अगर यूरोपीय संघ (ईयू) अपने दायित्वों का निर्वहन करने में विफल रहता है तो देश यूरेनियम संवर्धन करेगा. जरीफ ने कहा, 'अमेरिकी प्रतिबंधों के प्रभावों की भरपाई करने के लिए यूरोपीय संघ और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं को जरूर कदम उठाना चाहिए.'

उन्होंने परमाणु समझौते से ईरान के अलग होने की संभावना से इनकार किया, लेकिन यूरोपीय सहयोगियों को आगाह किया कि अगर वे समझौते में ईरान के हितों की सुरक्षा करने में विफल रहते हैं तो फिर ईरान कोई कदम उठा सकता है.

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उन्होंने कहा, 'तेल और बैंक' 'लिटमस टेस्ट' हैं और इस बात का जिक्र किया कि अमेरिका द्वारा ईरान के तेल निर्यात और बैंकिंग लेनदेन पर प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के हालात में यूरोपीय संघ ईरान की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.

ईरान और छह देशों रूस, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, अमेरिका और जर्मनी ने 2015 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर एक ऐतिहासिक समझौता किया था. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने आठ मई को इस समझौते से अलग होने और फिर से ईरान पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया.

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