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इंडोनेशिया: समलैंगिकों की सेक्स पार्टी पर छापा, 141 गिरफ्तार

इंडोनेशिया की पुलिस ने एक कमरे में चल रही एक समलैंगिक पार्टी पर छापा मार कर 141 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

Updated on: 22 May 2017, 06:16 PM

नई दिल्ली:

इंडोनेशिया की पुलिस ने एक कमरे में चल रही एक समलैंगिक पार्टी पर छापा मार कर 141 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इससे एक दिन पहले ही दो समलैंगिक व्यक्तिों को उनके आपसी यौन संबंधों के चलते सार्वजनिक रूप से बेंत से पीटा गया था।

गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने जर्काता के उत्तरी क्षेत्र में रविवार रात एक साउना और जिम में आयोजित 'द वाइल्ड वन' नाम की एक ऐसी पार्टी पर छापा मारा जो उनके मुताबिक एक सेक्स पार्टी थी।

पुलिस प्रवक्ता अगुस युवोनो ने बताया कि पार्टी जिस जगह हुई, उसके मालिक और अन्य प्रस्तुतकर्ताओं के साथ 141 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। इन पर इंडोनेशिया पोर्नोग्राफी (अश्लील सामग्री) कानून के अंतर्गत मुकदमा चल सकता है।

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हालांकि, समलैंगिकता इंडोनेशिया में गैर कानूनी नहीं है लेकिन पिछले 18 महीनों से इस समुदाय को बड़े स्तर पर भेदभाव का सामना करना पड़ा है और सरकार के रूढ़ीवादी मंत्रियों द्वारा दिए जा रहे विवादास्पद बयानों के परिणामस्वरूप इस पर हमले हो रहे हैं।

गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने पुलिस ने पड़ोसियों से मिली सूचना के आधार पर सुराबाया के एक होटल में एकत्रित समलैंगिक पुरुषों के एक समूह पर छापामारी की थी। इस छापामारी में 14 लोग गिरफ्तार किए गए थे और उन्हें एचआईवी परीक्षण के लिए मजबूर किया गया था।

इसी तरह मार्च के अंत में दो लोगों को बांदा एचेह प्रांत में गिरफ्तार किया गया था। प्रांत के शरीअत कानून के अंतर्गत इन्हें आप्राकृतिक यौन संबंध सोडोमी का दोषी ठहराया गया। दोनों को 85 बेंत मारने की सजा दी गई और यह सजा प्रांत की राजधानी में सार्वजनिक रूप से दी गई थी।

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यह पहली बार था, जब एचेह की शरीअत अदालत समलैंगिकों को इस तरह की सजा सुनाई थी।

समलैंगिकों के अधिकारों के लिए कार्य करने वाले समूह अरुस पेलेंगी की यलिता रुस्तीनावती ने कहा कि शनिवार को की गई छापामारी की सभी जानकारियां अभी तक पता नहीं चली हैं। ये गिरफ्तारियां विश्व के सबसे बड़े मुस्लिम बहुल देश में समलैंगिक समुदाय को लेकर बढ़ रही असहिष्णुता का हिस्सा हैं।

रुस्तीनावती ने कहा कि इस तरह की बढ़ती असुहिष्णता को अब दो वर्ष हो गए हैं। यह लोकतंत्र के लिए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए, संघ बनाने की स्वतंत्रता के लिए खराब है। हम निश्चित नहीं हैं कि सरकार क्या हासिल करने की कोशिश करी रही हैं। हम समलैंगिक हैं और यहां से कहीं नहीं जा रहे हैं।

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