ICJ के दोबारा जज बने दलवीर भंडारी, सुषमा बोली- 'वंदे मातरम'
न्यूयॉर्क स्थित यूएन (यूनाइटेड नेशन) हेड क्वार्टर में हुए वोटिंग के दौरान दलवीर भंडारी को 193 सदस्यीय महासभा में 183 वोट मिला।
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) की अंतिम सीट के लिए होने वाले चुनाव में ब्रिटेन के उम्मीदवार क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के नाम वापस लेने के बाद भारतीय प्रत्याशी दलवीर भंडारी फिर से जज चुन लिए गए हैं।
न्यूयॉर्क स्थित यूएन (यूनाइटेड नेशन) हेड क्वार्टर में हुए वोटिंग के दौरान दलवीर भंडारी को 193 सदस्यीय महासभा में 183 वोट मिला और उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में 15 वोट हासिल किए।
हेग स्थित आईसीजे में अब तक मुश्किल दिख रहा जज के लिए होने वाला ये चुनाव ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के नाम वापस लेने के बाद दलवीर भंडारी की लिए बेहद आसान हो गया।
अपने उम्मीदवार को दौड़ से बाहर करते हुए ब्रिटिश राजदूत ने कहा, 'चुनाव के अगले चरण के लिए सुरक्षा परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा का मूल्यवान समय बर्बाद करना गलत है।'
ज़ाहिर है कि आईसीजे में फिर से होने वाले चुनाव के लिए भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच कड़ा मुकाबला चल रहा था।
दलवीर भंडारी की जीत के बाद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें बधाई दी है। इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'वंदे मातरम- इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में भारत की जीत हुई है। जय हिंद।'
Vande Matram - India wins election to the International Court of Justice. JaiHind. #ICJ
— Sushma Swaraj (@SushmaSwaraj) November 20, 2017
भंडारी को मिल रहे जबरदस्त समर्थन से घबराए ब्रिटेन ने तो धमकी तक दे दी थी। ब्रिटेन ने कहा था कि वह वोटिंग प्रक्रिया को खत्म करने के लिए सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के हैसियत से मिली ताकत का इस्तेमाल कर सकता है।
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बता दें कि हेग स्थित आईसीजे में फिर से चुनाव लड़ रहे भंडारी और ग्रीनवुड को संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों में 11 चरणों के चुनाव में आवश्यक वोट नहीं मिल पाया था।
जिसके बाद आईसीजे में एक सीट पर चुनाव के लिए भारत के दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच जारी गतिरोध को तोड़ने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में सोमवार को नए चरण का मतदान तय किया गया।
पिछले दो सप्ताह में दो दिन से ज्यादा चले चुनाव के लगातार चरणों में 70 वर्षीय भंडारी को 193 सदस्यीय महासभा में करीब दो-तिहाई बहुमत मिला था।
दूसरी ओर 62 वर्षीय ग्रीनवुड को सुरक्षा परिषद में भंडारी के पांच मतों के मुकाबले नौ मत मिले थे।
आईसीजे के नियमों के मुताबिक, उम्मीदवारों को चयनित घोषित किए जाने के लिए महासभा और सुरक्षा परिषद दोनों में बहुमत हासिल करने की जरुरत होती है।
यह चुनाव इसलिए भी अहम था क्योंकि परंपरागत रूप से सुरक्षा परिषद के पांचों सदस्यों के न्यायाधीशों का आईसीजे के लिए निर्वाचन होता रहा है। लेकिन इस बार ये चुनाव ब्रिटेन के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया था। क्योंकि उसका उम्मीदवार गैर-स्थायी देश के उम्मीदवार के साथ मुकाबले में संघर्ष कर रहा था।
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दलवीर लगातार दूसरी बार इस पद के लिए चुने गए हैं। इससे पहले भारत सरकार ने जनवरी-2012 में दलवीर को आईसीजे कि लिए उम्मीदवार बनाया था। तब वह फिलिपींस के फ्लोरेंटिनो फेलिसियानो को हराकर आईसीजे के जज के तौर पर नियुक्त हुए।
प्रतिष्ठित वकीलों के परिवार को आने वाले दलवीर भंडारी का जन्म एक अक्टूबर 1947 को हुआ था और वह सुप्रीम कोर्ट में बतौर जज रह चुके हैं।
राजस्थान हाई कोर्ट से 1968 से वकालत का सफरनामा शुरू करने वाले दलवीर 1991 में दिल्ली हाई कोर्ट में जज बने। दलवीर 25 जुलाई 2004 को बॉम्बे हाई कोर्ट और फिर 20 अक्टूबर 2005 में सुप्रीम कोर्ट में जज बने।
पाकिस्तान की जेल में बंद और फांसी की सजा पा चुके कुलभूषण जाधव के मामले की सुनवाई वाली पीठ में दलवीर भी शामिल रहे। इस पीठ ने पाकिस्तान से मामले में अंतिम फैसला आने तक कथित जासूस कुलभूषण जाधव को फांसी न देने का आदेश दिया था।
साथ ही आदेश को मानने को लेकर उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराने को कहा था। इस फैसले को आईसीजे के 11 सदस्यीय पीठ ने सुनाया था और इसमें दलबीर भंडारी भी शामिल थे।
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