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भारत, रूस से मिसाइल प्रणाली खरीदने से पीछे नहीं हटेगा: राजदूत

भारत के राजदूत शरण ने रूस की सरकारी संवाद समिति तास के साथ साक्षात्कार में शरण ने कहा कि भारत एस-400 की खरीद से पीछे नहीं हटेगा।

Updated on: 08 Jun 2018, 11:32 PM

नई दिल्ली:

भारत ने एक बार फिर से दोहराया है कि अमेरिकी दबाव के बावजूद वह रूस से एस- 400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियों की खरीद से पीछे नहीं हटेगा। रूस में भारत के राजदूत पंकज शरण ने यह बात कही।

भारत के राजदूत शरण ने रूस की सरकारी संवाद समिति तास के साथ साक्षात्कार में शरण ने कहा कि भारत एस-400 की खरीद से पीछे नहीं हटेगा।

उन्होंने कहा कि भारत, रूस के साथ अपने सभी सैन्य व प्रौद्योगिकी सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध है। पिछले महीने अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि भारत ने रूस के साथ एस-400 मिसाइल खरीदने की करीब 40 हजार करोड़ रुपये की डील के लिए कीमतों को लेकर बात कर ली है।

बता दें कि शरण को हाल ही में राष्ट्रीय सुरक्षा उप सलाहकार नियुक्त किया गया है।

उन्होंने कहा कि पिछले महीने सोची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में भी सैन्य-प्रौद्योगिकी सहयोग पर चर्चा हुई थी। यह भारत और रूस के संबंधों के इतिहास में पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन था।

इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री मोदी व राष्ट्रपति पुतिन के बीच सालाना द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन अक्टूबर में नई दिल्ली में हो सकता है।

उल्लेखनीय है कि भारत की रूस से अपनी वायु सेना के लिए एस-400 ट्रायंफ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदने की योजना है। भारत चाहता है कि रूस के साथ उसके रक्षा क्षेत्र के रिश्तों को अमेरिका के कड़े सीएएटीएसए कानून से छूट मिले।

भारत अगले महीने वॉशिंगटन में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक में इस मुद्दे को उठा सकता है। शरण ने कहा कि भारत व रूस परमाणु ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में तीसरे देशों में मिलकर काम कर सकते हैं और इसको लेकर बातचीत अभी शुरुआती चरण में है।

भारत ने असैन्य परमाणु सहयोग के लिए बांग्लादेश के साथ समझौता किया है जिसके तहत वह रूसी प्रौद्योगिकी से बनने वाले रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए विशेषज्ञता व परियोजना समर्थन देगा।

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