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सिक्किम में भारत की सख्ती पर चीन की गीदड़ भभकी, कहा-...तो 1962 से बड़ा नुकसान होगा

सिक्किम के डाकोला में सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर चीन ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि भारतीय सेना पीछे हट जाए नहीं तो खदेड़कर बाहर निकाल देंगे।

Updated on: 05 Jul 2017, 06:34 PM

highlights

  • ग्लोबल टाइम्स ने कहा, भारतीय सेना पीछे हट जाए नहीं तो खदेड़कर बाहर निकाल देंगे
  • चीन ने कहा, अगर भारत दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष को उकसाता है तो उसे 1962 के मुकाबले ज्यादा नुकसान झेलना होगा
  • चीन ने कहा कि सीमा पर हालात बद्तर होने' से पहले भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले

नई दिल्ली:

सिक्किम के डाकोला में सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर चीन ने धमकी भरे लहजे में कहा है कि भारतीय सेना पीछे हट जाए नहीं तो खदेड़कर बाहर निकाल देंगे। साथ ही चीन ने भारत पर पंचशील सिद्धांतों को कुचले का आरोप लगाया।

चीनी अखबार ने रक्षा मंत्री अरुण जेटली के बयान का जिक्र करते हुए कहा, 'जेटली ठीक कहते हैं कि 2017 का भारत 1962 के भारत से अलग है। अगर भारत दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष को उकसाता है तो उसे 1962 के मुकाबले ज्यादा नुकसान झेलना होगा।'

चीन के सरकार अखबार ग्लोबल टाइम्स ने लिखा, 'भारतीय सेना चाहे तो सम्मान के साथ अपनी सीमा में लौट सकती है, वरना चीन के सौनिक उसे इस इलाके से खदेड़कर बाहर निकाल देंगे।'

भारत-चीन के बीच डाकोला में करीब एक महीने से विवाद है।

ग्लोबल टाइम्स ने आगे लिखा, 'अगर भारत को लगता है कि वह डाकोला इलाके में अपनी सैन्य क्षमता का सहारा लेकर फायदा उठा लेगा, तो हम साफ करना चाहते हैं कि चीन भारत की सैन्य ताकत को तिरस्कार की नजर से देखता है। हम भारत को खुद से कमतर मानते हैं।'

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साथ ही ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया गया है कि भारत मामले को उलझाने में लगा है और बार बार बयान बदल रहा है। चीन का आरोप है कि भारत डाकोला को विवादित एरिया घोषित करवाना चाहता है ताकि चीन अपने इस इलाके में सड़क निर्माण का काम न करे।

अखबार ने कहा है, 'भारत का यह कहना कि वह भूटान के भूभाग की रक्षा में उसकी मदद कर रहा है, केवल बहानेबाजी है। भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने बेहद बेशर्मी से पेश आ रहा है।'

'भारत सैनिकों को वापस बुलाए'

चीन ने बुधवार को कहा कि 'चीनी क्षेत्र में दाखिल होकर भारत ने पंचशील समझौते को कुचला है।' साथ ही कहा कि 'सीमा पर हालात बद्तर होने' से पहले भारत अपने सैनिकों को वापस बुला ले।

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बीजिंग ने यह भी कहा कि भारत यह कहकर अपने नागरिकों को 'गुमराह' कर रहा है कि डोकलाम भारत, भूटान तथा चीन के ट्राई-जंक्शन पर स्थित है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, 'और जैसा कि हम सभी जानते हैं कि चीन, भारत तथा म्यांमार ने सन् 1950 में शांतिपूर्ण सह अस्तित्व के लिए संयुक्त तौर पर पांच सिद्धांतों का प्रस्ताव किया था।'

उन्होंने कहा, 'लेकिन, भारत ने सबको हैरत में डालते हुए अवैध रूप से दूसरे के क्षेत्र में घुसकर अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों का उल्लंघन किया है।'

गेंग ने एक बार फिर दोहराया कि डोकलाम से भारतीय सैनिकों की वापसी ही बातचीत की शर्त है

क्या है मामला

दरअसल, डाकोला को लेकर भारत के कड़े रुख के बाद चीन चिढ़ा हुआ है। भारत की चहलकदमी के कारण चीनी मीडिया युद्ध की चेतावनी तक दे चुका है।

सिक्किम में भारत, भूटान और चीन के बीच त्रिकोणीय सीमा पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच तल्ख आमना-सामना होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा है।

इस त्रिकोणीय सीमा पर पड़ने वाले डाकोला क्षेत्र को लेकर चीन और भूटान के बीच विवाद है। कथित तौर पर भारतीय जवानों ने चीनी जवानों को डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण से रोक दिया था, क्योंकि इलाके पर अधिकार को लेकर फैसला होना बाकी है। चीन इस इलाके पर अपना अधिकार जताता रहा है और भूटान इसका विरोध करता रहा है।

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