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ICJ में सीट पर भारतीय जज का चुनाव लटका, ब्रिटेन ने फंसाया पेंच

इंटरनेश्नल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत के उम्मीदवार दलवीर भंडारी को आखिरी सीट के लिए यूएन जनरल एसेंबली से जोरदार समर्थन मिलने के बावजूद सिक्योरिटी काउंसिल में ब्रिटेन के उम्मीदवार की वजह से गतिरोध का सामना करना पड़ा है।

Updated on: 14 Nov 2017, 11:11 PM

नई दिल्ली:

इंटरनेश्नल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत के उम्मीदवार दलवीर भंडारी का दोबारा चुनाव लटक गया है। स्थायी सदस्यों की अनदेखी करते हुए आईसीजे की अंतिम सीट के लिए ब्रिटेन के उम्मीदवार के खिलाफ उन्हें यूएन जनरल एसेंबली के सदस्यों का जोरदार समर्थन मिला। लेकिन सिक्योरिटी काउंसिल में मसला अटक गया है। 

आईसीजी में जज की एक सीट के लिए हुई वोटिंग में भारत के उम्मीदवार भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के बीच गतिरोध हो तब पैदा हो गया जब दोनों मे से किसी को ज़रूरी वोट नहीं मिले।

70 वर्षीय भंडारी और ग्रीनवुड दोनों हेग स्थित आईसीजे में फिर से चुने जाने की कोशिश कर रहे हैं। 

आईसीजे में एक सीट पर हुए चुनाव के लिए भारत के दलवीर भंडारी और ब्रिटेन के क्रिस्टफर ग्रीनवुड के बीच सोमवार को भी चुनाव बेनतीजा रहा था। संयुक्त राष्ट्र महासभा में ज्यादातर पक्ष भारतीय जज के साथ है, लेकिन ब्रिटेन के सुरक्षा परिषद में होने के नाते P-5 समूह राह में रोड़ा अटका रहा है।

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इसके बाद ऐसी स्थिति बन गई जिसमें दलवीर भंडारी के पुनर्निर्वाचन के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा पक्ष में आ गया लेकिन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य और उनके सहयोगी ब्रिटेन के क्रिस्टोफर ग्रीनवुड के पक्ष में खड़े हैं।

भंडारी का सभा में वोट पांच चरणों के मतदान के दौरान स्थायी रूप से 110 से 121 हो गया है, जबकि ग्रीनवुड का वोट 79 से 68 ही हुआ है। परिषद में ग्रीनवुड ने पांच चरणों में अपने नौ वोट बनाए रखे। भंडारी के पक्ष में गुरुवार को छह वोट डाले गए, जिसमें उन्हें एक वोट के नुकसान के साथ कुल पांच वोट मिले हैं। 

इसके बाद निरंतर बने गतिरोध के चलते दोनों सदनों को न्यायाधीश का चुनाव किए बगैर स्थगित करने को मजबूर होना पड़ा। इस न्यायाधीश का चुनाव हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) के पांचवें पद को भरने के लिए करना था।

मौजूदा न्यायाधीश भंडारी एशिया-प्रशांत सीट लेबनान के नवाफ सलाम से गुरुवार को हुए चुनाव में हार गए थे। चार उन उम्मीदवारों को निर्वाचित घोषित किया गया, जिन्हें परिषद व सभा दोनों में बहुमत हासिल हुआ। जबकि भंडारी व ग्रीनवुड को सिर्फ एक सदन में बहुमत हासिल हुआ।

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इसके बाद हफ्ते के आखिर में अपने पक्ष में समर्थन जुटाने के बाद सोमवार को मतदान हुआ, जिसमें सभा व परिषद के बीच एक टकराव नजर आया। महासभा के 193 सदस्यों का मूड धीरे-धारे अवज्ञापूर्ण हो गया, जहां सदस्य स्थिर रूप से हर चक्र के साथ भंडारी के पक्ष में जाने लगे।

महासभा के उपाध्यक्ष वानुअतु के स्थायी प्रतिनिधि ओडो तेवी व परिषद के अध्यक्ष सेबस्तिआनो कार्डी ने घोषणा की कि मतदान दिन में दोबारा शुरू होगा। इस गतिरोध ने परिषद व महासभा के बीच के सत्ता असंतुलन को सामने लाने का काम किया।

परिषद के स्थायी सदस्यों की परंपरा के तहत प्रत्येक का विश्व अदालत में एक न्यायाधीश है, जिसे अब महासभा द्वारा चुनौती दी जा रही है।

(आईएनएस इनपुट्स के साथ)

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