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G20 Summit: पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने की मुलाकात, कहा- बातचीत ने दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर आपसी भेंट के दौरान विविध क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.

Updated on: 02 Dec 2018, 12:08 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन से इतर आपसी भेंट के दौरान विविध क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. उन्होने कहा कि वुहान सम्मेलन के बाद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार हुआ है. इस साल अपनी चौथी मुलाकात में मोदी और शी ने दोनों मुल्कों के बीच आपसी विश्वास और मित्रता को और आगे बढ़ाने के संयुक्त प्रयासों पर भी चर्चा की.

मोदी और शी अप्रैल में चीन के वुहान के अनौपचारिक सम्मेलन के बाद दो बार मुलाकात कर चुके हैं. दोनों जून में चीन के चिंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) सम्मेलन में मिले थे और फिर जुलाई में दक्षिण अफ्रीका के जोहानिसबर्ग में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात हुई थी. वुहान सम्मेलन को भारत चीन संबंधों में मील का पत्थर बताते हुए मोदी ने शी से कहा कि उन्हें अगले साल एक अनौपचारिक बैठक में उनकी मेजबानी करने की आशा हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसी पहलें (संबंधों में) गति बनाए रखने में मददगार साबित होती हैं.' साथ ही उन्होंने कहा कि चिंगदाओ और जोहान्सबर्ग में दो समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों ने पिछले एक साल में काफी उन्नति की है. गौरतलब है कि सिक्किम के डोकलाम सेक्टर में दोनों देशों की सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध के चलते भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे. दोनों देशों के बीच संबंधों में जमी बर्फ पिघलने के परिणामस्वरूप वुहान में मोदी और शी की एक अनौपचारिक बैठक हुई थी, जहां दोनों नेताओं ने विश्वास और तालमेल बनाने के लिए संवाद मजबूत करने की खातिर अपनी-अपनी सेनाओं को 'रणनीतिक दिशानिर्देश' जारी करने का फैसला किया था.

मोदी ने कहा कि शुक्रवार की बैठक दोनों देशों के बीच साझेदारी को और मजबूत करेगी. प्रधानमंत्री ने कहा, 'आज की बैठक हमारे संबंधों को मजबूत करने के संदर्भ में एक दिशा प्रदान करने में अहम होगी.' मोदी ने कहा, 'इस मुलाकात के लिए वक्त निकालने को लेकर मैं आपको (राष्ट्रपति शी को) हार्दिक धन्यवाद देता हूं.'

मोदी ने बाद में ट्वीट किया, 'अर्जेंटीना में जी-20 सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शानदार मुलाकात हुई. कई द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत हुई. हमारी लगातार बातचीत ने भारत और चीन के बीच संबंधों को काफी मजबूत किया है.'

विदेश सचिव विजय गोखले ने इस भेंटवार्ता के पश्चात संवाददाताओं से कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में स्पष्ट सुधार हुआ है.

उन्होंने कहा, 'वुहान में जिन बातों पर सहमति बनी थी,उस संबंध में बातें कैसे आगे बढ़ी, उसकी दोनों नेताओं ने विस्तृत समीक्षा की. दोनों ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर प्रगति हुई है.'

गोखले के अनुसार राष्ट्रपति शी ने भारत से चावल और चीनी के आयात में वृद्धि का जिक्र किया तथा सोयाखल्ली और सरसों के व्यापक आयात की संभावना की चर्चा की. उन्होंने भारत द्वारा चीन से अधिक कृषि उत्पादों के आयात की उम्मीद भी प्रकट की.

विदेश सचिव के मुताबिक शी जिनपिंग ने दवा क्षेत्र में दोनों देशों के बीच वृहद व्यापार के भी संकेत दिए हैं. गोखले ने कहा, 'राजनीतिक फलक पर उन्होंने (दोनों नेताओं ने) चीन के रक्षा मंत्री की यात्रा, भारत में अगले हफ्ते आतंकवाद निरोधक सैन्याभ्यास करने और हाल में हुई विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता का स्वागत किया.'

दोनों नेताओं ने कहा कि वुहान सम्मेलन के बाद भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पास सीमा प्रबंधन में सकारात्मक सुधार आया है.

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मोदी और शी ने यह भी कहा कि दोनों दिसंबर में नयी दिल्ली में दोनों देशों के लोगों के बीच परस्पर संवाद पर उच्च स्तरीय तंत्र की पहली बैठक को लेकर आशान्वित हैं.

गोखले ने कहा, 'दोनों पक्षों ने विशेषकर इसका उल्लेख किया कि पहला द्विपक्षीय सहयोग जो अफगानिस्तान में अफगान राजनयिकों के प्रशिक्षण के रुप में शुरु हुआ, सफल रहा और यह कि वे ऐसे और मौकों के प्रति उम्मीद पाले हुए हैं.' उन्होंने इस बैठक को बहुत सफल बताते हुए कहा, 'दोनों पक्ष आशावादी है कि 2018 तो अच्छा था तथा 2019 और भी अच्छा साल रहेगा.'

चीन के विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में एक बयान में कहा कि भेंट के दौरान शी ने मोदी से कहा कि चीन-भारत संबंधों के विकास पर जिन महत्वपूर्ण बातों पर सहमति बनी थी, उन्हें लागू किया जा रहा है और संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं.

बयान के अनुसार सीमा पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की वार्ता तथा अन्य प्रतिनिधि स्तर की वार्ताओं का उल्लेख करते हुए शी ने कहा कि दोनों पक्षों को खुली वैश्विक अर्थव्यवस्था बनाने, वैश्वीकरण को और खुला, समावेशी, संतुलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए.

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शी ने कहा, 'हमें संरक्षणवाद और एकतरफावाद का विरोध करना चाहिए तथा विश्व व्यापार संगठन के मूल मूल्यों और सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए.' शी का संयुक्त कार्रवाई का आह्वान अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी भेंट से पहले आया है. ट्रंप ने चीन से अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार में 375 अरब डॉलर का व्यापार घाटा कम करने को कहा है तथा अमेरिका में 250 अरब डॉलर से अधिक के चीनी उत्पादों के निर्यात पर अतिरिक्त प्रशुल्क लगा दिया. चीन ने जवाबी कार्रवाई की और दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध शुरु हो गया.