फ्रांस में हिंसक हुआ 'येलो वेस्ट' प्रदर्शन, अब तक 481 लोग गिरफ्तार, देश भर में 90,000 सुरक्षाबल तैनात
सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए शनिवार को लगभग 5,000 प्रदर्शनकारी पेरिस शहर के बीचोबीच जमा हो गए. वहीं पूरे देश में लगभग 90,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.
पेरिस:
फ्रांस की राजधानी पेरिस में ईंधन कर (Fuel Tax) में बढ़ोतरी के खिलाफ लोगों का आंदोलन हिंसक हो चुका है. शनिवार को पुलिस और 'येलो वेस्ट' प्रदर्शनकारियों के बीच हुई भिड़ंत से तनाव और ज्यादा बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े. विरोध प्रदर्शन अब जंगल की आग की तरह फैल रही है और बेल्जियम और नीदरलैंड तक पहुंच गया है. गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने कहा कि अब तक 481 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 200 लोग सिर्फ शनिवार को गिरफ्तार किए गए थे. सरकार भी आने वाले दिनों में और अधिक प्रदर्शन की उम्मीद कर रही है.
सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करते हुए शनिवार को लगभग 5,000 प्रदर्शनकारी पेरिस शहर के बीचोबीच जमा हो गए. पेरिस में लगभग 8,000 अधिकारियों और 12 सशस्त्र वाहनों को तैनात किया गया है. वहीं पूरे देश में लगभग 90,000 सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है.
वहीं राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने आंदोलन रोकने के लिए अब तक कोई ठोस फैसला नहीं किया है. प्रदर्शनकारी सरकार के विरोध में 'मैक्रों इस्तीफा दो' के नारे के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. पेरिस में व्यापक प्रदर्शन के कारण हाई अलर्ट जारी किया गया है.
राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा था कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों निपटने के लिए ईंधन कर बढ़ाना जरूरी है. मैक्रों का मानना है कि उन्होंने व्यापार सुधार के लिए कदम उठाए हैं और इसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था को अधिक वैश्विक बनाना है. हालांकि प्रदर्शनकारी इसे 'बर्बर' और 'अधिकारों को कमजोर करने वाला' मानते हैं.
शहर में दुकानें, म्यूजियम, मेट्रो स्टेशन और टूर एफिल बंद हैं. वहीं, शीर्ष टीमों के फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो रद्द कर दिए गए हैं. प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने शुक्रवार शाम येलो वेस्ट प्रदर्शनकारियों के एक दल से मुलाकात की. उन्होंने लोगों से प्रदर्शनों में शामिल नहीं होने की अपील की है.
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'येलो वेस्ट' आंदोलन तीन सप्ताह पहले ईंधन कर में बढ़ोतरी और यातायात के प्रदूषक कारकों पर कर में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ शुरू हुआ था, लेकिन इसके बाद इस आंदोलन का राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रों सरकार की नीतियों के विरोध के रूप में विस्तार हो गया. प्रदर्शनकारी अधिक वेतन, कर में कमी, बेहतर पेंशन और यहां तक की राष्ट्रपति के इस्तीफा की भी मांग रहे हैं.
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