भारत और इजराइल के बाद दक्षिण अफ्रीका से भी आई ये बड़ी खबर
श्रमिक संगठन के पूर्व नेता रामाफोसा (66) ने देश पर दशकों तक शासन करने वाले एवं रंगभेद करने वाले श्वेत अल्पसंख्यकों की सरकार के साथ वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
highlights
- संसद ने छठे आम चुनावों के बाद हुई अपनी पहली बैठक में यह निर्णय किया.
- इससे पहले, राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma) को क्यों त्यागपत्र देना पड़ा था.
- इसके पहले, शपथ ग्रहण समारोह में कौन- कौन होता होता था शामिल.
जोहानसबर्ग:
दक्षिण अफ्रीका की संसद ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस (African National Congress) के प्रमुख सीरिल रामाफोसा (Cyril Ramaphosa) को आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति चुन लिया है. संसद ने छठे आम चुनावों के बाद हुई अपनी पहली बैठक में यह निर्णय किया. दक्षिण अफ्रीकी नेशनल कांग्रेस के सांसदों ने चुनाव के बाद संसद की पहली बैठक में उन्हें राष्ट्रपति चुना.
रामाफोसा ने शनिवार को दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति के पद पर शपथ लिया और इसी सप्ताह उपराष्ट्रपति और अपने मंत्रिमंडल की घोषणा करेंगे. 8 मई को हुए चुनाव में पार्टी ने 400 में से 230 सीटें जीती थीं.
भारत और इजराइल के बाद दक्षिण अफ्रीका से भी आई ये बड़ी खबर
South Africa: Cyril Ramaphosa takes oath; vows to continue fight corruption
— ANI Digital (@ani_digital) May 25, 2019
Read @ANI Story | https://t.co/iVUbIJpnG7 pic.twitter.com/KutPavYMGA
यह भी पढ़ें: PM मोदी की जीत पर पाकिस्तानी अखबार 'डॉन' ने जताई चिंता, जाने क्या कहा
इससे पहले, राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma) ने पिछले साल भ्रष्टाचार और सरकार पर उनके नियंत्रण के आरोप लगने के बाद त्यागपत्र दे दिया था. मुख्य न्यायधीश मोगोएंग मोगोएंग की निगरानी में हुई चुनाव प्रक्रिया में निर्विरोध चुने गए रामाफोसा शनिवार को प्रीटोरिया में एक स्टेडियम में आधिकारिक रूप से शपथ ली. दक्षिण अफ्रीका में ऐसा पहली बार होगा जब कोई राष्ट्रपति आम जनता के सामने शपथ लेगा.
यह भी पढ़ें: दलाई लामा से चीन शुरू करे बातचीत, अमेरिकी राजदूत ने किया अनुरोध
शपथ ग्रहण समारोह में पहले मात्र निमंत्रित अतिथि ही आते थे. दक्षिण अफ्रीका के संविधान के अनुसार मतदाता एक पार्टी का चुनाव करते हैं जो अपने सदस्यों को नेशनल असेंबली में भेजती है. चुने गए सदस्य राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं.
बता दें कि श्रमिक संगठन के पूर्व नेता रामाफोसा (66) ने देश पर दशकों तक शासन करने वाले एवं रंगभेद करने वाले श्वेत अल्पसंख्यकों की सरकार के साथ वार्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.