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पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका के प्रस्ताव पर चीन-रूस कर सकते हैं वीटो का इस्तेमाल: मीडिया रिपोर्ट

चीन और रूस ने पाकिस्तान को भरोसा दिया है कि आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को समाप्त करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने की स्थिति में यदि अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव लाता है तो वे अपने वीटो का इस्तेमाल करेंगे।

Updated on: 13 Sep 2017, 05:17 PM

नई दिल्ली:

चीन और रूस ने पाकिस्तान को भरोसा दिलाया है कि राजनयिक स्तर वो इसकी मदद करेंगे। दोनों ही देशों ने कहा है कि आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को समाप्त करने में पाकिस्तान के नाकाम रहने की स्थिति में यदि अमेरिका आर्थिक प्रतिबंध लगाने का कोई प्रस्ताव लाता है तो वे अपने वीटो का इस्तेमाल करेंगे।

ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में खटास आई है। ट्रंप ने आतंकियों को पनाह देने और उनके खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान की आलोचना की है।

पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून के सहयोगी अखबार डेली एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका ने संकेत दिये हैं कि वो उन पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगा सकता है जिनके कथित तौर पर आतंकवादियों से संबंध हैं।

पाक प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि निशाना बनाकर पाकिस्तानी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने से अमेरिका की आतंकवादरोधी कोशिशों में मदद नहीं मिलेगी।

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अखबार ने दावा किया है कि पाकिस्तान वीटो की शक्तियां रखने वाली दो शक्तियों से साथ संपर्क में है। इन दोनों देशों ने पाकिस्तान पर बेवजह दबाव बनाने की अमेरिकी नीति का विरोध किया है।

अखबार ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रूस और चीन दोनों ने इस्लामाबाद को सभी मंचों पर हर संभव सहायता देने का भरोसा दिया है।

रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अन्य पश्चिमी देशों जैसे फ्रांस और ब्रिटेन से भी संपर्क करेगा। इन दोनों देशों को अपने रुख के बारे में जानकारी देगा।

अखबार ने सूत्रों के हवाले के कहा है कि इस्लामाबाद अमेरिका के साथ संबंधों को लेकर नई नीति बनाने पर विचार कर रहा है और जल्द ही विदेश नीति के जानकार, सुरक्षा अधिकारी और अन्य उच्चाधिकारियों की बैठक करने वाला है।

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नई रणनीति की घोषणा के बाद से ही ट्रंप प्रशासन के सहयोगियों और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच अभी तक कोई उच्च स्तरीय संपर्क नहीं हुआ है।

नई और बदली हुई परिस्थिति में पाकिस्तान समर्थन जुटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय देशों से संपर्क कर रहा है।

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