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NSG में भारत की सदस्यता किसी देश के लिए विदाई तोहफा नहीं हो सकती

ओबामा प्रशासन की तरफ से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में बिना वजह भारत की एंट्री में रोड़ा अटकाए जाने के बयान को लेकर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है उन्हें एनसजी में शामिल किए जाने का तोहफा नहीं दिया जा सकता।

Updated on: 16 Jan 2017, 05:05 PM

highlights

  • एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर चीन ने अमेरिका को जवाब दिया है
  • चीन ने कहा कि एनएसजी में सदस्यता किसी देश के लिए विदाई तोहफा नहीं हो सकता

New Delhi:

ओबामा प्रशासन की तरफ से परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में बिना वजह भारत की एंट्री में रोड़ा अटकाए जाने के बयान को लेकर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किया है उन्हें एनसजी में शामिल किए जाने का तोहफा नहीं दिया जा सकता।

अमेरिका में अब कुछ ही दिनों में ट्रंप राष्ट्रपति पद संभालने जा रहे हैं लेकिन उससे पहले जाते-जाते ओबामा प्रशासन ने एनएसजी में भारत की एंट्री रोके जाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था।

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'एनएसजी में भारत की सदस्यता औऱ उसके एनपीटी पर दस्तखत नहीं किए जाने से जुड़ी है और इस मामले में हमने अपनी स्थिति साफ कर दी है।'

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इससे पहले अमेरिका ने कहा था, 'एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर सिर्फ चीन ही जिम्मेदार है।' चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, 'मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि एनएसजी की सदस्यता विदाई में दिया जाने वाला तोहफा नहीं है जो कोई देश दूसरे देश को दे।'

एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर चीन हमेशा से रोड़ा अटकाता रहा है। एनएसजी में 48 देश शामिल है। चीन का कहना रहा है कि जिन देशों ने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं कर रखा है उन्हें एनएसजी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

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