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युद्ध वाले बयान से नाराज चीन, कहा-शी-मोदी के बीच बनी सहमति का उल्लंघन है आर्मी चीफ रावत का बयान

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के दो फ्रंट पर एक साथ युद्ध की संभावना जताए जाने के बयान को लेकर चीन ने नाराजगी जताई है।

Updated on: 07 Sep 2017, 05:13 PM

highlights

  • सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के दो फ्रंट पर एक साथ युद्ध की संभावना जताए जाने के बयान को लेकर चीन ने नाराजगी जताई है
  • चीन ने कहा कि भारतीय आर्मी चीफ का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत के मुताबिक नहीं है

नई दिल्ली:

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत के दो फ्रंट पर एक साथ युद्ध की संभावना जताए जाने के बयान को लेकर चीन ने नाराजगी जताई है। 

चीन ने कहा कि भारतीय आर्मी चीफ का बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई द्विपक्षीय बातचीत के दौरान बनी सहमति के मुताबिक नहीं है।

डोकलाम विवाद का समाधान होने के बाद 9वें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच बातचीत हुई थी, जिसमें चीन ने पंचशील समझौते के मुताबिक काम करने का भरोसा जताया था।

दिल्ली में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रावत ने कहा था कि बीजिंग भारत के धैर्य की परीक्षा ले रहा है। उन्होंने कहा था, 'उत्तर में चीन और पश्चिम में पाकिस्तान से लड़ाई की संभावना को नकारा नहीं जा सकता।'

उन्होंने कहा कि चीन ने अपनी ताकत दिखाना शुरू किया है और भविष्य में 'दो मोर्चे' पर लड़ाई की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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सेना प्रमुख के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुंग ने कहा, 'हमने भारत के कुछ अहम लोगों का बयान देखा है और साथ ही भारतीय प्रेस के बयान को भी देखा है, जो चौंकाने वाला है। हमें नहीं पता कि उन्हें ऐसा बोलने का अधिकार है या नहीं या फिर यह यूं ही बोला गया। हमें यह भी नहीं पता कि यह भारत सरकार की आधिकारिक लाइन है या नहीं।'

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पड़ोसी देशों के एक दूसरे के लिए अमह होने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'दो दिनों पहले ही राष्ट्रपित शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच विकास की संभावनाओं पर चर्चा की थी। इस दौरान किसी खतरे के बारे में कोई चर्चा नहीं किया गया।'

प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देशों को एक दूसरे का प्रतिस्पर्धी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और भारत दो अहम पड़ोसी देश हैं और दोनों देशों के बीच मजबूत संबंध एक-दूसरे के हितों के लिए जरूरी हैं।

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