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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में जैश ए मोहम्मद का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में, कोई फैसला नहीं : चीन

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संवाददाताओं से कहा कि उनका देश आतंकी घटना से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए है.

Updated on: 23 Feb 2019, 09:08 AM

बीजिंग:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)  के एक स्थायी सदस्य देश चीन ने पुलवामा आतंकी हमले में जैश ए मोहम्मद (JEM) को नामजद करते हुए जारी एक बयान को शुक्रवार को तवज्जो नहीं देने की कोशिश की. साथ ही, यह भी कहा कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन का जिक्र सिर्फ सामान्य संदर्भ में है और यह किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता. यह बयान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जारी किया था. सुरक्षा परिषद ने इस जघन्य और कायराना आतंकी हमले की बृहस्पतिवार को सख्त निंदा की थी. इसने एक बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्य देश जम्मू कश्मीर में हुए जघन्य और कायराना आत्मघाती हमले की सख्त निंदा करते हैं.

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14 फरवरी को हुए इस हमले में भारतीय अर्द्ध सैनिक बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए, जिसकी जिम्मेदारी जैश ए मोहम्मद ने ली है. पुलवामा हमले में जैश ए मोहम्मद की भूमिका का जिक्र करने वाले बयान के बारे में पूछे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संवाददाताओं से कहा कि उनका देश आतंकी घटना से जुड़े घटनाक्रमों पर करीबी नजर रखे हुए है.

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उन्होंने कहा, 'कल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रेस बयान जारी किया जिसमें एक खास संगठन का जिक्र है लेकिन सामान्य संदर्भ में. यह हमले पर किसी फैसले को प्रदर्शित नहीं करता.' उनकी टिप्पणी को चीन की एक ऐसी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है जिसका लक्ष्य अपने करीबी सहयोगी पाकिस्तान को शांत रखना और जैश ए मोहम्मद को दोषी ठहराए जाने को कम तवज्जो देना है.

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गौरतलब है कि चीन संयुक्त राष्ट्र की आतंक रोधी 1267 कमेटी में JEM प्रमुख मसूद अजहर पर एक वैश्विक प्रतिबंध लगाने के लिए भारत और कई अन्य देशों की कोशिश में बार -बार अड़ंगा डालता रहा है. वहीं, यूएनएसी के एक अन्य सदस्य देश फ्रांस ने आधिकारिक रूप से घोषणा की है कि वह अजहर को सूचीबद्ध कराने के लिए 1267 कमेटी में जल्द ही एक प्रस्ताव लाएगा. गेंग ने शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि चीन ने इस बात का भी जिक्र किया है कि पाकिस्तानी सरकार ने जांच में भारत के साथ सहयोग करने की तत्परता दिखाई है और वह वार्ता के जरिए भारत के साथ मतभेदों को दूर करने को तैयार है.

उन्होंने कहा, ‘‘चीन आशा करता है कि सभी पक्ष हमले की सच्चाई का पता लगाने के लिए काम करेंगे. हम उम्मीद करते हैं कि क्षेत्रीय सुरक्षा एवं स्थिरता की संयुक्त रूप से हिफाजत के लिए पाकिस्तान और भारत वार्ता करेंगे.’’