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भारत से सटी सीमा पर चीन सैनिकों को अमेरिकी स्टाइल वाले कॉम्बैट सिस्टम से करेगा लैस

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारतीय सीमा के पास तैनात चीनी सैनिकों को भविष्य के 'इन्फर्मेटाइज्ड वॉरफेअर' के लिए तैयार किया जा रहा है।

Updated on: 24 Feb 2018, 07:46 AM

नई दिल्ली:

भारत-चीन बॉर्डर पर हाल के दिनों में काफी तनातनी देखने को मिली है। जिसकी वजह से चीन ने भारत सीमा के पास अपनी सैन्य ताक़त को बढ़ाने के लिए सीमा पर तैनात पीपल्स लिबरेशन आर्मी की टुकड़ी को अमेरिकी स्टाइल में तैयार किया है।

रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारतीय सीमा के पास तैनात चीनी सैनिकों को भविष्य के 'इन्फर्मेटाइज्ड वॉरफेअर' के लिए तैयार किया जा रहा है। इसे इंटीग्रेटेड इंडिविजुअल सोल्जर कॉम्बैट सिस्टम (समेकित व्यक्तिगत सैनिक लड़ाकू प्रणाली) कहा जाता है।

मीडिया के मुताबिक हाल के वर्षों में चीन सेना युद्ध के मैदान में आईटी, डिजिटल और आर्टिफिशियल इंटेलीजेस ऐप्लिकेशंस के इस्तेमाल के लिए ‘सूचना प्रौद्योगिकी आधारित युद्ध’ शब्द का इस्तेमाल करने लगी है।

चाइना सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) से संबद्ध शाखा वीहुटांग ने खबर दी है कि वेस्टर्न थियेटर कमान में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के स्पेशल ऑपरेशन फोर्सेज के स्काई वुल्फ कमांडो को उनके प्रशिक्षण में क्यूटीएस-11 सिस्टम से लैस किया गया है।

वेस्टर्न थियेटर कमान भारत से लगती 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा की जिम्मेदारी संभालती है।

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चीनी विशेषज्ञों के अनुसार क्यूटीएस-11 अमेरिकी सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली प्रणाली की तरह है।

चीनी सैन्य विशेषज्ञ सोंग जोंगपिंग ने सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स से कहा कि दुनिया में सबसे मजबूत व्यक्तिगत आग्नेयास्त्र बताए जाने वाला क्यूटीएस-11 न केवल आग्नेयास्त्र पर काबू पा लेता है बल्कि यह खोज एवं संवाद सुविधाओं से लैस पूर्ण डिजिटलीकृत समेकित व्यक्तिगत सैनिक लड़ाकू प्रणाली है।

राइफल और 20 मिलीमीटर ग्रेनेड लांचर वाली यह प्रणाली लक्ष्य के अंदर के सैन्यकर्मियों को नष्ट करने में सक्षम है।

सोंग ने कहा कि अमेरिका और चीन की यह प्रणाली एक जैसी है लेकिन तुलनीय नहीं है। स्पेशल ऑपरेशन फोर्स इस प्रणाली को परखने वाली पहली सैन्य इकाई है। बाद में उसे अन्य इकाइयों में ले जाया जाएगा।

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भारत के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा पर इस नई प्रणाली की तैनाती की सरकारी मीडिया की घोषणा से कुछ दिन पहले वहां वायुरक्षा पांत समुन्नत करने की खबर आई थी। इसे यहां सैन्य पर्यवेक्षक पीएलए द्वारा मनोवैज्ञानिक युद्ध अख्तियार करने के रूप में देखते हैं।

ग्लोबल टाइम्स ने पहले एक विशेषज्ञ के हवाले से खबर दी थी कि एलएसी पर जे-10 और जे-11 जैसे लड़ाकू विमानों की तैनाती का लक्ष्य भारत द्वारा नए लड़ाकू विमान की खरीद के आलोक में उससे उत्पन्न खतरे से निबटने पर लक्षित है।

यह संभवत: भारत के राफेल विमानों की खरीद के संदर्भ में था। चीनी सेना ने 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के दौरान मीडिया में जोर-शोर से अपना प्रचार अभियान चलाया था।

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