अमेरिका की सख्ती के बाद आतंक के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान को समझाएगा चीन
अमेरिका की फटकार और सैन्य मदद रोके जाने के बाद चीन पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मना सकता है।
highlights
- अमेरिका की फटकार के बाद चीन पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मना सकता है
- व्हाइट हाउस के अधिकारी के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बारे में समझा सकता है
नई दिल्ली:
अमेरिका की फटकार और सैन्य मदद रोके जाने के बाद चीन अब पाकिस्तान के 'बड़े भाई' की भूमिका अदा करते हुए उसे आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए समझाएगा।
व्हाइट हाउस के अधिकारी के मुताबिक चीन, पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बारे में समझा सकता है। अधिकारी ने कहा कि चीन ने पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े मुद्दे को लेकर अमेरिका से बात की है।
इस बातचीत में अमेरिकी प्रशासन ने बीजिंग और अन्य क्षेत्रीय ताकतों को पाकिस्तान में मौजूद आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई की दिशा में इस्लामाबाद को कड़े कदम उठाए जाने के बारे में सहयोग की मांग की है।
अधिकारी ने बताया कि अफगानिस्तान और दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है।
उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान का चीन के साथ ऐतिहासिक रिश्ता रहा है और इनके बीच में मजबूत सैन्य संबंध भी है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे की वजह से दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों में भी मजबूती आई है।'
अधिकारी ने बताया, 'लेकिन चीन आतंकवाद की समस्या को लेकर अमेरिका की कुछ चिंताओं से सहमत है। अमेरिका अन्य क्षेत्रीय ताकतों और चीन के साथ मिलकर इस समस्या को सुलझाना चाहता है।'
अधिकारी ने कहा कि चीन पहले से ही अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बेहतर रिश्ते बनाने की दिशा में काम करता रहा है।
उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं इस बात को नहीं मानता कि चीन आतंकवाद और उसके सुरक्षित पनाह के खिलाफ कार्रवाई में चीन पाकिस्तान को नहीं समझा सकता।'
अधिकारी ने बताया कि आखिरकार चीन, अफगानिस्तान के स्थायित्व की दिशा में काम कर रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिका आतंक के खिलाफ समर्थन देने के मामले पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की मदद पर रोक लगा चुका है।a
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उन्होंने कहा, 'चीन और पाकिस्तान का रिश्ता बेहद मजबूत है। लेकिन पाकिस्तान चीन और अमेरिका दोनों के साथ मजबूत रिश्ता रखना चाहता है। वहीं चीन दक्षिण एशिया में आतंकवाद और चरमपंथ को लेकर चिंतित है।'
चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा के हितों को सुरक्षित रखने के लिए चीन अफगानिस्तान में स्थायित्व बनाए जाने की कोशिश करता रहा है।
अधिकारी ने कहा, 'अगर वह इस क्षेत्र में स्थायित्व देखना चाहते हैं तो उन्हें पाकिस्तान की तरफ से हक्कानी और तालिबान नेटवर्क के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई में दिलचस्पी होगी।'
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