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BREXIT: ब्रेक्जिट मुद्दे पर थेरेसा मे को फिर लगा सकता है करारा झटका

इसके पहले संसद में ब्रेग्जिट (BREXIT) पर करारी हार के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे (Theresa May) के खिलाफ विपक्ष का अविश्‍वास प्रस्‍ताव नामंजूर हुआ था. विपक्षी लेबर पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट जबकि विरोध में 325 वोट पड़े थे.

Updated on: 15 Feb 2019, 09:08 AM

नई दिल्ली:

ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ब्रेक्सिट पर शर्मनाक हार का सामना कर सकती हैं क्योंकि ब्रिटिश कानूनविद उनके दृष्टिकोण के लिए दोहराए गए प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. सांसदों ने दो हफ्ते पहले ही इस पर समर्थन जताया था . बता दें कि इसके पहले संसद में ब्रेग्जिट (BREXIT) पर करारी हार के बाद प्रधानमंत्री थेरेसा मे (Theresa May) के खिलाफ विपक्ष का अविश्‍वास प्रस्‍ताव नामंजूर हुआ था. विपक्षी लेबर पार्टी के अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 306 वोट जबकि विरोध में 325 वोट पड़े थे.

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ब्रेक्जिट पर ब्रिटेन में क्यों मचा है बवाल?

'ब्रेक्जिट' दो शब्दों 'ब्रिटेन' व 'एक्ज़िट' से मिलकर बना है. ब्रिटेन में इस मुद्दे को लेकर दो धड़े हैं. एक गुट EU यानी यूरोपियन यूनियन में बने रहना चाहता है, जिसे 'रीमेन' कहा जाता है. वहीं दूसरा गुट यूरोपियन यूनियन से अलग होने की वकालत करता है. इन्हें 'लीव' कहा जाता है. 'लीव' गुट की दलील है कि ब्रिटेन की पहचान, आज़ादी और संस्कृति को बचाए रखने के लिए ऐसा करना ज़रूरी है.

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वहीं यह गुट ब्रिटेन में आने वाले प्रवासियों का भी विरोध करते हैं. उनका कहना है कि यूरोपियन यूनियन ब्रिटेन के करदाताओं के अरबों पाउंड सोख लेता है, और ब्रिटेन पर अपने 'अलोकतांत्रिक' कानून थोपता है.