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बाली में ज्वालामुखी से राख निकलने के चलते हवाईअड्डा तीसरे दिन भी बंद, 1 लाख से ज्यादा यात्री फंसे

इंडोनेशिया के बाली में माउंट अगुंग ज्वालामुखी से 7,600 मीटर ऊंची राख निकलने के चलते इसके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तीसरे दिन बुधवार को भी बंद रखा गया है।

Updated on: 29 Nov 2017, 01:28 PM

जकार्ता:

इंडोनेशिया के बाली में माउंट अगुंग ज्वालामुखी से 7,600 मीटर ऊंची राख निकलने के चलते इसके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को तीसरे दिन बुधवार को भी बंद रखा गया है। समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, नगुराह राई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा अब भी बंद है, जिसके कारण 1 लाख से ज्यादा यात्री फंसे हुए हैं।

आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को कहा कि विशेषज्ञों का मानना है कि ज्वालामुखी में और बड़ा विस्फोट हो सकता है।

बाली हवाईअड्डा ऑपरेटर अंगकासा पुरा के प्रबंध निदेशक युनुस सुप्रयोगी ने कहा कि ज्वालामुखी से राख निकलने के कारण कम से कम गुरुवार सुबह तक हवाईअड्डे पर उड़ानों का संचालन बंद रहेगा।

बाली हवाईअड्डा बंद रहने के पहले दो दिनों में करीब 900 उड़ाने रद्द हुई। 27 नवंबर को 445 और 28 नवंबर को 443 उड़ानें रद्द हुईं। बाली के पूर्व में स्थित लोम्बोक हवाईअड्डे पर भी 31 उड़ानें रद्द हुई।

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अंगकासा पुरा ने अपनी एक अन्य घोषणा में कहा कि 1,297 यात्री बाली हवाईअड्डे या मेंगवी बस टर्मिनल से जावा द्वीप के सुराबाया पहुंच चुके हैं। उन्होंने पहले वाहनों में सफर किया और फिर नौकाओं में।

इंडोनेशियाई राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के सूचना निदेशक सुतोपो पुरवो नुगरोहो ने ट्विटर के जरिए बताया कि अगुंग से राख और लावा निकलना जारी है।

ज्वालमुखी से निकलती राख व लावा के चलते आसपास के 22 गांव प्रभावित हुए है।

अधिकारियों ने खतरे वाले इलाकों में रहने वाले करीब 1 लाख लोगों को इलाका खाली करने के आदेश दिए हैं और ऐहतियात के तौर पर मास्क का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।

द्वीप के आपातकालीय आश्रय स्थलों में करीब 40,000 लोगों ने पहले ही शरण ले रखी है।

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