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म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिमों के नस्लीय सफाए के पक्के सबूत मिले: एमनेस्टी

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेश्नल ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर म्यांमार में हुए अत्याचार के पक्के सबूत होने की बात कही है।

Updated on: 15 Sep 2017, 09:59 AM

नई दिल्ली:

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर म्यांमार में हुए नस्लीय सफाए के पक्के सबूत मिलने की बात कही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बताया है कि सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों में यह साफ पता चलता है कि म्यांमार के रखाइन क्षेत्र में भयंकर आग लगी है।

सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि म्यांमार के रखाइन में करीब 80 से ज़्यादा भीषण आग लगी है। इससे इस बात की पुष्टि होती है कि इस क्षेत्र में रोहिंग्या के गांवों में आग लगी है।

चश्मीदद भी इस बात की तस्दीक करते हैं कि सेना ने और वहां हमलावरों ने रोहिंग्या मुस्लिमों के घर जलाने के लिए पेट्रोल और रॉकेट लॉंचर का इस्तेमाल किया था। इसके अलावा उन पर अंधाधुंध गोलीबारी तक की गई जिसमें हजारों लोग मारे गए थे।

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एमनेस्टी इंटरनेशनल के रिसर्च अधिकारी ने बताया, 'हमने अलग अलग स्रोतों से जो जानकारियां जुटाई हैं, उससे ये साफ पता चलता है कि म्यांमार के सुरक्षा बलों की ओर से नस्लीय सफ़ाये का अभियान चलाया जा रहा है. रखाइन प्रांत जल रहा है।'

म्यांमार की सेना इन आरोपों से इनकार करती है। सेना का कहना है कि उसने रोहिंग्या चरमपंथियों के हमले की जवाबी कार्रवाई में सैन्य अभियान चलाया है। 

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बता दें कि म्यांमार के रखाइन क्षेत्र से रोहिंग्या मुस्लिमों का पलायन जारी है। रोहिंग्या मुस्लिम बड़ी संख्या में बांग्लादेश पहुंचे है जिससे वहां भी संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इसके अलावा भारत में भी रोहिंग्या शरणार्थियों पर विवाद का माहौल है।

अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश म्यांमार को हिंसा बंद कर और रोहिंग्या मुस्लिमों के संदर्भ में कार्रवाई करने की हिदायत दे चुके हैं।

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