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अमेरिकी सांसद ने भारत का किया समर्थन, ट्रंप के खिलाफ खोला मोर्चा, जानें क्या है मामला

अमेरिका ने भारत को दी जाने वाली GSP (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) की सुविधा छीन ली थी, भारत के समर्थन में उतरे अमेरिकी सांसद

Updated on: 04 May 2019, 06:56 AM

नई दिल्ली:

अमेरिका ने भारत के खिलाफ लगातार रुख अख्तियार किए हुए है. पिछले कुछ समय से अमेरिका भारत के खिलाफ फैसले ले रहे हैं. कुछ दिन पहले अमेरिका ने भारत को दी जाने वाली GSP (जेनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस) की सुविधा छीन ली थी. इसका प्रभाव ये होगा कि भारत जिन प्रोडक्ट को अमेरिका में बेचेगा उस पर ट्रंप सरकार टैक्स लगाएगी. लेकिन ट्रंप सरकार के इस फैसले का अमेरिका सांसद ने विरध करना शुरू कर दिया है. दरअसल, अमेरिका के 25 प्रभावशाली सांसदों ने ट्रंप सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. 

सांसदों ने ट्रंप से भारत के लिए जीएसपी समाप्त नहीं करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि इसका अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिकूल प्रभाव होगा. सांसदों ने अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर को पत्र लिखकर समझौते पर बातचीत जारी रखने का अनुरोध किया है. यह समझौता व्यापार (निर्यात और आयात) पर निर्भर नौकरियों की रक्षा करेगा और बढ़ावा देगा. सांसदों ने आग्रह किया कि भारत के लिए जीएसपी समाप्त करने से वे अमेरिकी कंपनियां प्रभावित होंगी जो भारत में अपना निर्यात बढ़ाना चाहती हैं.

लाभ नहीं होगा नुकसान

सांसदों का दावा है कि भारत के लिए जीएसपी खत्म करने से लाभ नहीं बल्कि नुकसान होगा. वे कंपनियां प्रभावित होंगी जो भारत में निर्यात बढ़ाना चाहती हैं. सांसदों का कहना है कि वे कंपनियां जो जीएसपी के तहत भारत के लिए शुल्क-मुक्त व्यवस्था चाहती हैं. उन्हें नए करों के रूप में करोड़ों डॉलर देने होंगे. इतिहास में जीएसपी लाभों में अस्थायी खामियों की वजह से अमेरिका में कंपनियों को कर्मचारियों की छंटनी, वेतन और लाभ में कटौती करनी पड़ी थी.

ट्रंप ने क्या लिया था फैसला

दरअसल, बीते मार्च में अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप ने भारत के साथ GSP समाप्‍त करने का ऐलान किया था. भारत के केमिकल्स और इंजीनियरिंग जैसे सेक्टरों के करीब 1900 छोटे-बड़े प्रोडक्‍ट पर GSP का फायदा मिलता है. 

पहले भारतीय बाजार से ये प्रोडक्‍ट अमेरिकी बाजार में बिना किसी टैक्‍स या मामूली ड्यूटी चार्ज के पहुंचते हैं. वहीं भारत जीएसपी के तहत अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर (करीब 40 हजार करोड़ रुपये) के सामानों का निर्यात करता है.