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बंगाल में हिंसा के खिलाफ BJP ने खोला मोर्चा, आज निकालेगी लालबाजार मार्च

बंगाल में लगातार हो रही राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत के बाद बीजेपी और टीएमसी के बीच छिड़ा संघर्ष अभी भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या के बाद बुधवार को कोलकाता के लाल बाजार में मार्च निकालेगी, जहां वो पुलिस मुख्यालय का घेराव करेगी.

Updated on: 12 Jun 2019, 10:30 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 में 'ममता' के गढ़ बंगाल में सेंध लगाने के बाद बीजेपी ने तृणमूल कांग्रेस की सत्ता से खिसकाने के लिए यहां मोर्चा खोल दिया है. पश्चिम बंगाल में लगातार हो रही राजनीतिक कार्यकर्ताओं की मौत के बाद बीजेपी और टीएमसी के बीच छिड़ा संघर्ष अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. राज्य में कार्यकर्ता की हत्या के बाद बुधवार को कोलकाता के लाल बाजार में बीजेपी मार्च निकालेगी, जहां वो पुलिस मुख्यालय का घेराव करेगी.

इस मार्च में हिस्सा लेने के लिए बीजेपी कार्यकर्ता लाल बाजार पहुंच रहे है, जिसको देखते हुए मार्च के सभी रूट पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम औप पुलिस की तैनाती की गई है. बताया जा रहा है कि कोलकाता के अलावा सियालदाह और हावड़ा में भी बीजेपी विरोध-प्रदर्शन करेगी.

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बता दें कि इससे पहले  बंगाल के संदेशखली में कार्यकर्ताओं की हत्या के खिलाफ बीजेपी ने 10 जून को 12 घंटे के बंद का ऐलान किया था. जिस वजह से आम जनजीवन काफी प्रभावित हुआ था. वहीं पुलिस ने बताया, 'कानून और व्यवस्था नियंत्रण में है. हड़ताल से जीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है.'

मालूम हो कि इन दिनों पश्चिम बंगाल में कई जगहों से हिंसा की खबरे आ रही हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा में उनकी पार्टी के आठ लोग मारे गए हैं। उन्होंने राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी पर मृतकों की संख्या गलत बताने का आरोप लगाया. ममता ने कहा कि 10 मारे गए लोगों में से आठ उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) से हैं, जबकि दो बीजेपी (BJP)से हैं.

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दूसरी तरफ बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने सोमवार को दावा किया था कि चुनाव बाद हिंसा में बीजेपी के सात कार्यकर्ता मारे गए हैं, जबकि तीन अन्य लापता हैं और उनके मारे जाने का अंदेशा है.

गौरतलब है कि बीजेपी ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत हासिल की है.  बीजेपी की तृणमूल से मात्र चार सीटें कम हैं. बीजेपी का लक्ष्य अब दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना है.