logo-image

NN Exclusive: कोलकाता पुलिस ने जांच की दिशा जानने के लिए CBI को लिया था हिरासत में, जानें उन 3 घंटों का घटनाक्रम

कोलकाता पुलिस सीबीआई अधिकारियों को थाने इस लिए ले गई थी ताकि उसपर दबाव डाला जा सके कि जांच की दिशा का पता लगाया जा सके.

Updated on: 05 Feb 2019, 12:13 AM

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में हाई वोल्टेज ड्रामे के बीच News Nation ने एक Exclusive खुलासा किया है. कोलकाता पुलिस सीबीआई अधिकारियों को थाने इस लिए ले गई थी ताकि उसपर दबाव डाला जा सके कि जांच की दिशा का पता लगाया जा सके. सीबीआई के जांच में सहयोग के अनुरोध को कोलकाता पुलिस ने ठुकरा दिया था. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक कोलकाता पुलिस ने जानबूझकर जबरदस्ती से सीबीआई को कार्रवाई नहीं करने दी और बैरंग वापस लौटना पड़ा.

राजीव कुमार को तीन बार सीबीआई ने भेजी थी नोटिस

सीबीआई उससे पहले कोलकाता पुलिस कमिश्नर को तीन बार नोटिस जारी कर चुकी थी. राजीव कुमार पोंजी स्कीम घोटाले की जांच कर रही एसआईटी के सदस्य थे.
राजीव कुमार को पहला नोटिस 18 अक्टूबर 2017 को जारी किया गया था और जांच के लिए उपस्थित होने के लिए कहा था लेकिन राजीव कुमार ने त्यौहारी सीजन में कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए आने में असमर्थता व्यक्त की थी.

जिसके बाद दूसरा नोटिस 23 अक्तूबर 2017 को इश्यू किया गया. लेकिन राजीव कुमार ने फिर से इस नोटिस पर ध्यान नहीं दिया. फिर 8 दिसंबर 2018 को तीसरा नोटिस दिया गया लेकिन इस बार भी नोटिस पर सहयोग करने की बजाय राजीव कुमार ने कहा कि उनको सवाल भेज दिए जाएं और वो उनका जवाब दे देंगे.

सीबीआई के 11 अधिकारी पहुंचे थे कोलकाता के कमिश्नर से पूछताछ करने

इसके बाद सीबीआई के 11 अधिकारी दो स्वतंत्र गवाहों और सहायक कर्मियों की टीम शाम 5.45 बजे राजीव कुमार के आवास पर संपर्क किया. लेकिन वहां गेट बंद था. इसके बाद सीबीआई टीम के कुछ लोग शेक्सपीयर सरानी पहुंचे और स्थानीय पुलिस को कार्रवाई के बारे में जानकारी देने और सहयोग के लिए अनुरोध किया. इस समय तक शाम के 6 बज रहे थे.

सीबीआई के डिप्टी एसपी तथागत वर्धन को थाने ले गई पुलिस

इसी बीच सीबीआई के डिप्टी एसपी तथागत वर्धन जो राजीव कुमार के निवास पर थे उन्होंने एक पुलिसवाले से पूछा कि क्या कुमार अंदर है? तो पुलिसकर्मी वर्धन को एक पुलिस वाहन में ले गए और अंदर धकेल दिया. तथागत ने साफ किया कि उनके साथ कोई धक्कामुक्की नहीं की जा सकती है लेकिन पुलिस वर्धन को उसी पुलिस थाने ले जाई जहां सीबीआई के कुछ लोग पहले से मौजूद थे. सीबीआई अफसर ने आर्थिक अपराध शाखा यानि इकॉनोमिक ऑफैंस विंग के पुलिस अधीक्षक पार्थ मुखर्जी और एसीबी भुवनेश्वर के प्रमोद कुमार मांझी को इंफार्म किया. ये दोनो ऑफिसर थाने पर पहुंचे और पुलिस से इस जांच में सहयोग करने के लिए कहा. साथ ही सीबीआई के उनको इंफार्म करने के बारे में भी एकनॉलिज करने को कहा.

सीबीआई से पुलिस जानना चाहते थे जांच का प्लान

लेकिन इस तीन घंटे तक के घटनाक्रम में पुलिस के अधिकारी सीबीआई अधिकारियों पर इस बात के लिए दवाब बनाने की कोशिश में थे कि सीबीआई अपनी जांच के प्लॉन को उनके साथ साझा करे. इस दौरान सीबीआई ने कोलकाता पुलिस के दो डीसीपी मुरलीधर शर्मा और मिराज खालिद से भी बात की लेकिन उन्होंने भी कोई सहयोग नहीं किया. दोनों अधिकारियों ने सीबीआई टीम को कुछ देर इंतजार करने के लिए कहा ताकि वो अपने सीनियर से क्लियेंस लेकर उनको उपयुक्त सूचना दी जाएगी. आखिर में सीबीआई को थाने से जाने के लिए कहा और सीबीआई ने अपने ऑफिस जाकर इस पूरे घटनाक्रम को सिलसिलेवार तरीके से रिकॉर्ड किया.