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अगर आप शादीशुदा हैं तो इस खबर को पढ़ने के बाद ही करें यह काम

सोशल मीडिया पर वायरल एक ऐसा ही एक पोस्‍ट लेकर हम हाजिर हैं जिसे पढ़ने के बाद आप दिल खोलकर हंसेंगे. इसके बाद इसे आप शेयर करना नहीं भूलेंगे.

Updated on: 28 Jul 2019, 02:39 PM

नई दिल्‍ली:

आज संडे (Sunday) है और आप इसे फंडे (Funday) बनाना चाहते हैं तो गंभीर खबरों के बीच कुछ हल्‍की फुल्‍की खबरें या वायरल मैसेज (Viral Message) पढ़ कर मुस्‍करा लें. यकीन मानिए सोशल मीडिया (Social Media)पर कुछ चुटकले, कुछ आपबीती, कुछ वीडियो ऐसे भी मिलेंगे जो आपका आज का दिन ही नहीं हफ्तों मुस्‍कराने की वजह बन जाएंगे. सोशल मीडिया (Social Media)पर वायरल एक ऐसा ही एक पोस्‍ट लेकर हम हाजिर हैं जिसे पढ़ने के बाद आप दिल खोलकर हंसेंगे. इसके बाद इसे आप शेयर करना नहीं भूलेंगे. अगर आप शादीशुदा हैं तो ये पोस्‍ट आपके लिए ही है...

यदि आप पति हो और कभी एकदम सुबह 4.00 बजे जाग जाओ, और चाय पीने की इच्छा हो जाए, जो कि स्वाभाविक है. तो आप सोचेंगे कि चाय खुद ही बनाऊं या प्रिय अर्धांगिनी को जगाने का दुःसाहस करूं.....? दोनों ही स्थितियों में आपको निम्नलिखित भयंकर परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है और आप कुछ भी करो, आपको..."चार बातें"...तो सुननी ही है, जो ‌कि वास्तव में 40-50 से कम नहीं होती हैं...!!

पहली परिस्थिति : आपने खुद ही चाय बनाई...!!
आपने यदि खुद चाय बना ली, तो सुबह-सुबह ब्रह्म- मुहूर्त में आठ बजे जब भार्या जागेगी तब, आपको सुनना ही है. क्या ज़रूरत थी खुद बनाने की, मुझे जगा देते, पूरी पतीली "जला कर", रख दी, और वह "दूध की पतीली" थी, "चाय वाली" नीचे रखी है "दाल भरकर"....!!

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विश्लेषण  ‌

चाय खुद बनाने से पत्नी दुखी हुई / शर्मिंदा हुई / अपने अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ से भयाक्रांत हुई / या कुछ और, आप कभी भी समझ नहीं पाएंगे, दूसरा ये कि......"दूध की पतीली" में "चाय" बनाना तो गुनाह है, लेकिन "चाय की पतीली" में "दाल" भरकर रखी जा सकती है....??

दूसरी परिस्थिति: आपने पत्नी को चाय बनाने के लिए जगा दिया...!!

यदि आपने गलती से भी पत्नी को जगा दिया तो, आप सुनने के लिए तैयार रहिए, मेरी तो किस्मत ही ख़राब है, एक काम नहीं आता इस आदमी को, पिताजी ने जाने क्या देखा था,
आधी रात को चाय चाहिए इन्हें....अभी अभी तो, पीठ सीधी की थी और इनकी फरमाइशें हैं कि ख़त्म ही नहीं हो रही हैं, दिन देखते हैं, न रात....??  चाय बनकर, पी कर ख़त्म भी हो जाएगी पर 'श्लोक-सरिता' का प्रवाह अनवरत, अविरल चालता ही रहेगा...!!

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तीसरी परिस्थिति:एक अन्य विचित्र परिस्थिति....!!

यदि आप चाय खुद बना रहे हैं.और शक्कर के डिब्बे में शक्कर आधा चम्मच बची है, तो आपके दिमाग में विचार आएगा ही कि बड़े डिब्बे से निकालकर इसमें टॉप-अप कर देता हूँ, यदि आपने ऐसा किया तो पता है क्या सुनोगे....?? शायद आप सोच रहे होंगे कि, आपने बहुत शाबाशी वाला काम कीया, नहीं बल्कि आपको....शर्तिया ये सुनना पड़ेगा --
"किसने कहा था शक्कर निकालने को ? मुझे वह डिब्बा, आज मँजवाना था"
निष्कर्ष

संसार में पत्नी की नजरों में पति नाम का जो जीव होता है, उसमे अकल का बिल्कुल ही अभाव होता है...!! "सर्व-गुण-संपन्न".तो उसके "पापा" होते हैं, और या कानपुर वाले-जीजाजी"...??? इसलिए सभी पतियों को, मेरी सलाह है कि, कभी सुबह-सुबह नींद खुल जाए, तो वापस मुंह ढांक कर सो जाएं, उसी में भलाई है...!!