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Lok Sabha Election 2019 Results: मुजफ्फर नगर में गठबंधन के उम्मीदवार अजित सिंह आगे

पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के संजीव बालियान ने बड़ी जीत दर्ज की थी. संजीव बालियान को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया था

Updated on: 23 May 2019, 01:25 PM

highlights

  • इस लोकसभा सीट पर 16 लाख मतदाता हैं
  • 875186 पुरुष और 713297 महिला मतदाता
  • पांच विधान सभाओं पर बीजेपी का कब्जा

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Election 2019) के वोटों की गिनती जारी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ‘जाटलैंड’ नाम से मशहूर मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर बहुत ही कांटे का संघर्ष जारी है. यहां से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद संजीव बाल्यान का मुकाबला आरएडी के अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह से है. चौधरी अजित सिंह अपने निकटतम प्रतिद्वंदी संंजीव बाल्यान से खबर लिखे जाने तक 12625 वोटों से आगे चल रहे हैं. 

साल 2013 में यह संसदीय सीट हिंदू-मुस्लिम दंगों की वजह से चर्चा में रही थी. पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के संजीव बालियान ने बड़ी जीत दर्ज की थी. संजीव बालियान को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल भी किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. बीजेपी ने मोदी सरकार में मंत्री रहे संजीव बालियान को दोबार अपना उम्मीदवार बनाया है, वहीं राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष अजीत सिंह बीएसपी-एसपी और आरएलडी गठबंधन की ओर से चुनावी मैदान में हैं. हालांकि, इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के लिए राह आसान नहीं है क्योंकि 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले जाटों की नाराजगी बीजेपी के लिए काफी मुश्किल का विषय बनी थी.

मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट का इतिहास
पहले आम चुनाव 1952 से लेकर 1962 तक यह सीट कांग्रेस के हाथों में रही. उसके अगले दो चुनाव 1967 और 1971 में 1971 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने यहां से जीत हासिल की. 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल को यहां से जीत मिली. उसके अगले चुनाव साल 1980 में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. जनता पार्टी सेक्यूलर ने मुजफ्फरनगर से जीत दर्ज की. जबकि 1984 में यह सीट एक बार फिर से कांग्रेस के खाते में गई. तो वहीं 1989 चुनाव में जनता दल ने जीत दर्ज की. 1991 में यह सीट पहली बार बीजेपी के खाते में गई जब नरेश बालियान बीजेपी की टिकट पर संसद पहुंचे. 1996 और 1998 के लोकसभा चुनाव में यहां पर लगातार भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. 1999 में जब फिर से चुनाव हुए तो कांग्रेस ने सीट छीन ली. हालांकि, 2004 में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई, जबकि 2009 में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कबीर राना यहां से लोकसभा पहुंचे. पिछले चुनाव में संजीव बालियान बीजेपी के टिकट पर यहां से संसद पहुंचे.

बता दें कि मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट पर करीब 16 लाख मतदाता हैं. इनमें से 875186 लाख पुरुष और 713297 लाख महिला मतदाता हैं। मुजफ्फरनगर लोकसभा  सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभाएं आती हैं. इनमें बुढ़ाना, चरथावल, मुजफ्फरनगर, खतौली, सरधना सीट आती हैं. फिलहाल इन पांचों ही सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. 

इस बार के चुनाव  (Lok Sabha Election) में मुजफ्फर नगर लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री रहे संजीव बाल्यान इस बार अपनी बादशाहत कायम रख पाएंगे या फिर सपा-बसपा गठबंधन मारेगा बाजी . इसका फैसला (Lok Sabha Election results 2019) 23 मई यानी गुरुवार को को पता चल जाएगा. गुरुवार को सुबह 8 बजे से मतगणना के रुझान मिलने शुरू हो जाएंगे. तो बने रहिए NewsState.com के साथ...