Lok Sabha Election 2019 : आइए जानते हैं सोनिया गांधी की संसदीय क्षेत्र रायबरेली के बारे में
सोनिया गांधी 2004 से लगातार तीन बार सांसद चुनी गईं, 2014 में मोदी लहर के बाद भी रायबरेली की जनता ने उन्हें अपना सांसद चुनी
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीट हैं. जिसमें रायबरेली भी एक लोकसभा सीट है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी. यहां से तात्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनाव लडीं थीं. मोदी लहर के बावजूद सोनिया गांधी ने जीत का परचम लहराया. 2014 में बीजेपी को उत्तर प्रदेश में जबरदश्त जीत मिली थी. उसने 80 में से 71 सीटों पर कब्जा जमाया था. कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई. दोनों सीट मां बेटे के नाम रही. एक अमेठी और दूसरी रायबरेली में कांग्रेस को जीत मिली. राहुल गांधी अमेठी से सांसद चुने गए और सोनिया गांधी रायबरेली से.
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रायबरेली लोकसभा संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास
रायबरेली लोकसभा सीट 1957 में बनी. यहां से फिरोज गांधी फिर से सांसद निर्वाचित हुए. फिरोज गांधी का निधन 8 सितंबर 1960 को हो गया. उनके निधन के बाद यहां उपचुनाव कराना पड़ा. जिसमें कांग्रेस के आर.पी सिंह ने जीत दर्ज की. 1962 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर जीत दर्ज की. कांग्रेस के बैजनाथ कुरील सांसद बने. 1967 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अपनी रणनीति में बदलाव करते हुए इंदिरा गांधी को चुनाव में उतारा. जवाहर लाल नेहरू और लाल बहादुर शास्त्री के बाद इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री बनीं थीं. इस दौर में उन्होंने पहली बार में ही रायबरेली से चुनाव जीतकर सांसद बनीं. इससे पहले वह राज्यसभा से सांसद चुनी गई थी.
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1971 में इंदिरा गांधी फिर से सांसद निर्वाचित हूईं. लेकिन राजनरायण ने इंदिरा की जीत को हाईकोर्ट में चुनौती दे दी. 12 जून 1975 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चुनाव रद्द कर दिया. याचिका में कहा कि इंदिरा ने सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग किया है. इसके बाद इंदिरा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस अय्यर ने कहा कि इंदिरा गांधी संसद की कार्यवाही में भाग ले सकती हैं लेकिन वोट नहीं कर सकती हैं. उनकी सदस्यता को रद्द कर दिया गया था. इससे खफा इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को आपातकाल लगा दिया. आपातकाल के बाद देश में कांग्रेस के खिलाफ माहौल था. 1977 में हुए चुनाव में जनता पार्टी के राजनारायण ने इंदिरा गांधी को मात दी. 1980 के चुनाव में कांग्रेस फिर से वापसी की. 1980 में इंदिरा दो लोकसभा सीटों से सांसद निर्वाचित हुईं. एक रायबरेली और दूसरी मेडक आंध्र प्रदेश से. बाद में इंदिरा ने रायबरेली सीट से इस्तीफा दे दिया. 1981 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के अरुण नेहरू ने जीत दर्ज की. 1984 में भी अरुण नेहरू सांसद बने. 1989 और 1991 में कांग्रेस से शीला कौल सांसद बनीं.
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1996 में भाजपा का कमला खिला. 1996 और 1998 में बीजेपी से अशोक सिंह सांसद बने. 1999 में कांग्रेस के सतीश शर्मा यहां से सांसद निर्वाचित हुए. 2004 में सोनिया गांधी इस सीट पर जीत दर्ज कर सांसद बनीं. उसके बाद 2009 और 2014 में भी सोनिया गांधी ने जीत दर्ज की.
रायबरेली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट
रायबरेली संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं. बछरावां, हरचन्दपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहर. जिसमें 5 सीटों में से 2 सीटों पर बीजेपी, 2 सीटों पर कांग्रेस जबकि एक सीट पर एसपी को जीत मिली थी.
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रायबरेली में कुल मतदाता
2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली लोकसभा सीट में कुल 15 लाख 94 हजार 9 सौ 54 मतदाता थें. जिसमें 51.73 फीसदी लोगों ने वोट किया था. कुल 8,25,142 लोगों ने वोट किया जिसमें 4,37,762 पुरुष और 3,87,368 महिला मतदाता थीं.
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