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आइए जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के बारे में

वाराणसी दो तहसील : वाराणसी और पिंडरा से मिलकर बना है, जिसमें आठ विधानसभा सीट हैं

Updated on: 24 Feb 2019, 02:09 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है. वाराणसी दो तहसील वाराणसी और पिंडरा से मिलकर बना है. जिसमें आठ विधानसभा सीट हैं. पिंडरा, अजागरा, शिवपुर, रोहनिया, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी कैंट और शिवपुरी. वाराणसी को पहले काशी के नाम से जाना जाता था. काशी की स्थापना भगवान शिव ने की थी. इसी वजह से यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थान है. काशी मलमल, रेशमी कपड़ों, इत्रों, हाथी दांत और शिल्प कला के लिये जाने जाते हैं. 

वाराणसी संसदीय क्षेत्र का राजनीतिक इतिहास

1952 से लेकर 1967 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा. 1980 से लेकर 1989 तक फिर से कांग्रेस काबिज रही. 1991 में बीजेपी का कमल खिला. जो 2004 तक खिला रहा. 2004 से 2009 तक कांग्रेस फिर काबिज रही. लेकिन मुरली मनोहर जोशी ने 2009 में फिर कमल खिलाया. 2014 में नरेंद्र मोदी ने अरविंद केजरीवाल को हराकर वाराणसी के संसद बने. मोदी जी के नेतृत्व में कमल यूं ही खिल रहा है. 

वाराणसी लोकसभा सीट पर काबिज सांसद

प्रथम लोकसभा चुनाव 1952 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से रघुनाथ सिंह सांसद बने थे. जो लगातार तीन बार सांसद रहे. 1957 और 1962 में भी इसने ही जीत दर्ज की थी. 

द्वितीय आम चुनाव 1967 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सत्य नारायण सिंह सांसद निर्वाचित हुए थे.

तीसरे लोकसभा 1971 के चुनाव में कांग्रेस की ओर से राजाराम शास्त्री ने जीत हासिल की थी.

चौथी लोकसभा चुनाव 1977 में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल से चंद्रशेखर ने जीत का परचम लहराया था.

पांचवीं लोकसभा चुनाव 1980 में कांग्रेस के कमलापति त्रिपाठी सांसद बने थे.

छठी लोकसभा चुनाव 1984 में कांग्रेस से श्यामलाल यादव को जीत मिली थी.

सातवीं आम चुनाव 1989 में जनता दल के अनिल कुमार शास्त्री सांसद बने थे.

आठवीं लोकसभा चुनाव 1991 में भारतीय जनता पार्टी के र्श्रीश चंद्र दीक्षित ने कमल खिलाया था.

नौवीं आम चुनाव 1996 में बीजेपी के शंकर प्रसाद जायसवाल सांसद निर्वाचित हुए थे. वे तीन बार लगातार सांसद निर्वाचित हुए. दसवीं 1998 में और ग्यारहवीं 1999 के चुनाव में भी शंकर प्रसाद जायसवाल ने कमल खिलाया था.

2004 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के डा॰ राजेश कुमार मिश्रा ने जीत हासिल की थी.

2009 में भारतीय जनता पार्टी के डॉ॰ मुरली मनोहर जोशी सांसद निर्वाचित हुए थे.

2014 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नरेंद्र मोदी सांसद चुने गए थे, जो वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं.


2012 में लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीट से चुने गए विधायक

2012 में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने सरकार बनाई थी. वाराणसी संसदीय क्षेत्र में आने वाले 8 विधानसभा सीट में से बीजेपी ने सबसे ज्यादा तीन सीट पर कब्जा जमाया था. जबकि बसपा ने दो सीट हासिल की थी. सपा कांग्रेस और अपना दल एक-एक सीट पर ही सिमट गई. 

वाराणसी साउथ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी के श्याम देव राय विधायक निर्वाचित हुए थे.

वाराणसी नोर्थ से भारतीय जनता पार्टी के रविंद्र जायसवाल ने जीत दर्ज की थी.

वाराणसी कैंट विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी ज्योत्सना श्रीवास्तव ने जीत का परचम लहराया था.

शिवपुर से बसपा के उदय लाल मौर्या विधायक बने थे.

पिंडरा से अजय ने कांग्रेस के झेडे गाड़े थे.

रोहनिया से अपना दल के अनुप्रिया सिंह पटेल जीत हासिल की थी.

सेवापुरी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के सुरेंद्र सिंह ने अपना कुनबा बचाया.

अजगरा से बसपा के त्रिभुवन राम विधायक निर्वाचित हुए थे.

2017 में वाराणसी संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विधानसभा सीट से चुने गए विधायक

2017 मे बीजेपी ने अपना परचम लहराते हुए 8 में से 6 सीट पर रिकोर्ड तोड़ जीत दर्ज की. वहीं बसपा भी एक सीट बचा सकी. अपना दल भी अपना कुनबा बचाने में कामयाब रहा.

वाराणसी दक्षिण से भाजपा के डॉ. नीलकंठ तिवारी ने जीत का परचम लहराया वाराणसी नोर्थ से भाजपा के रविंद्र जायसवाल विधायक बने.

वाराणसी कैंट से भाजपा के सौरभ श्रीवास्तव ने जीत हासिल की.

सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र से अपना दल के रतन सिंह पटेल विधायक निर्वाचित हुए.

रोहनिया से भाजपा के सुरेन्द्र सिंह विधायक चुने गए.

अजगरा से भाजपा के कैलाशनाथ सोनकर विधायक बने.

 पिंडरा से बसपा के डॉ. अवधेश सिंह अपना कुनबा बचा पाया.

शिवपुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के अनिल राजभर ने जीत दर्ज की.

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में मतदाता की कुल संख्या

वाराणसी संसदीय क्षेत्र में मतदाता की कुल संख्या 28 लाख 39 हजार 204 (28,39,204) हैं. जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या 15 लाख 63 हजार 368 (15,63,368) हैं. और महिला मतदाता की संख्या 12 लाख 75 हजार 695 हैं. 

पिंडरा विधानसभा क्षेत्र से तीन लाख 47 हजार 5 सौ 50 (3,47, 550) हैं.

अजगरा विधानसभा क्षेत्र से 3 लाख 44 हजार 4 सौ 80 हैं.

शिवपुर से तीन लाख 50 हजार 2 सौ 43 हैं.

रोहनिया विधानसभा क्षेत्र से 3 लाख 83 हजार 68 हैं.

वाराणसी उत्तरी से 3 लाख 90 हजार 2 सौ 43 हैं.

दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से 2 लाख 84 हजार 4 सौ आठ हैं.

वाराणसी कैंट से 4 लाख 11 हजार 5 सौ 69 हैं.

वाराणसी की कुल जनसंख्या

2011 की जनगणना के अनुसार 36 लाख 82 हजार एक सौ 94 हैं. (36,82,194) हैं. जिसमें पुरुषों की संख्या 19 लाख 21 हजार 8 सौ 57 हैं. वहीं महिला की संख्या 17 लाख 54 हजार 9 सौ 84 हैं. लिंगानुपात 909 हैं. साक्षरता दर 77 फीसदी है. भौगोलिक क्षेत्र 1535 वर्ग किलोमीटर है.

पीएम मोदी ने वाराणसी की जनता को दी सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी की जनता को करीब 500 करोड़ी की परियोजनाओं का तोहफा दिया है. पीएम मोदी ने कहा कि 4 साल पहले के वाराणसी और अब के वाराणसी में बहुत अंतर आ चुका है. इसे और आगे ले जाना है...

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