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लोकसभा चुनाव 2019: आइए जानते हैं वरुण गांधी के संसदीय क्षेत्र सुल्तानपुर के बारे में

सुल्तानपुर पर अबतक 16 लोकसभा और 3 उपचुनाव हुए है. पहली बार इस सीट से 1951 में कांग्रेस के बीवी केसकर ने जीत हासिल कर सांसद पहुंचे.

Updated on: 25 Mar 2019, 11:28 AM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव 2019 का शंखनाद हो चुका है. चुनावी मैदान में उतरने के लिए कई पार्टीयों ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी कर दी है. ऐसे में हमने भी चुनाव के लिए अपनी तैयारी पूरी कल ली है. तो आइए इस लोकसभा चुनाव से पहले जानिए अपने सांसद और संसदीय क्षेत्र के बारें में. आज हम बात करेंगे उत्तर प्रदेश सुल्तानपुर लोकसभा सीट के बारे में. जहां से सांसद है गांधी परिवार के वारिस वरुण गांधी.

सुल्तानपुर लोकसभा सीट का इतिहास

सुल्तानपुर पर अबतक 16 लोकसभा और 3 उपचुनाव हुए है. पहली बार इस सीट से 1951 में कांग्रेस के बीवी केसकर ने जीत हासिल कर सांसद पहुंचे. इसके बाद 1957 में गोविन्द मालवीय, 1962 में कुंवर कृष्णा वर्मा, 1967 में गनपत सहाय और 1971 में केदार नाथ सिंह चुनाव जीतने में कामयाब रहे.

सुल्तानपुर सीट पर 1977 में कांग्रेस को पहली हार का सामना करना पड़ा. जब जनता पार्टी के ज़ुलफिकुंरुल्ला कांग्रेस को हराकर सांसद बने. हालांकि, इस सीट पर 1980 में कांग्रेस ने एक बार फिर वापसी की और 1984 में दोबारा जीत मिली. लेकिन इसके बाद कांग्रेस को इस सीट पर जीत के लिए काफी सालों तक इंतजार करना पड़ा. 2009 में संजय सिंह ने जीतकर कांग्रेस की दोबारा वापसी करवाई. साल 1989 में जनता दल से रामसिंह सांसद बने. 

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साल 1991 से लेकर 2014 के बीच बीजेपी ने चार बार जीत हासिल की है. 1991 और 1996 में विश्ननाथ शास्त्री जीते, 1998 में देवेन्द्र बहादुर और 2014 में वरुण गांधी. वहीं, बसपा इस सीट पर दो बार जीत हासिल की है, लेकिन दोनों बार सांसद अलग रहे हैं. पहली बार 1999 में जय भद्र सिंह और 2004 में मोहम्मद ताहिर खान बीएसपी से सांसद चुने गए.

बता दें कि आजादी के बाद कांग्रेस यहां 8 बार जीती, लेकिन हर बार चेहरे अलग रहे. इसी तरह से बसपा दो बार जीती और दोनों बार अलग-अलग थे. जबकि बीजेपी चार बार जीती जिसमें तीन चार चेहरे शामिल रहे.

सुल्तानपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र में कुल मतदाता

सुल्तानपुर लोकसभा सीट पर 2011 के जनगणना के मुताबिक कुल जनसंख्या 2352034 है. इसमें 93.75 फीसदी ग्रामीण औैर 6.25 शहरी आबादी है. अनुसूचित जाति की आबादी इस सीट पर 21.29 फीसदी हैं और अनुसूचित जनजाति की आबादी 02 फीसदी है. इसके अलावा मुस्लिम, ठाकुर और ब्राह्मण मततादाओं के अलावा ओबीसी की बड़ी आबादी का क्षेत्र में चुनावो में अहम भूमिका है . यह जिला फैजाबाद मंडल का हिस्सा है.

2014 लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट पर क्या था जनता का मिजाज

2014 के लोकसभा चुनाव में सुल्तानपुर सीट पर 56.64 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार वरुण गांधी ने बसपा उम्मीदवार को 1 लाख 78 हजार 902 वोटों से मात दी थी. इस तरह 1998 के बाद बीजेपी इस सीट पर कमल खिलाने में कामयाब हुई थी. वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा सकी थी.

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सुल्तानपुर लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीट

सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत इसौली, सुल्तानपुर, सदर, लम्भुआ, कादीपुर विधानसभा सीटें आती हैं.

सुल्तानपुर शहर क्यों है खास

सुल्तानपुर उत्‍तर प्रदेश की महत्‍वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है. सुल्तानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और सम्पर्क भाषा खड़ी बोली है. कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान, सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय यहां के प्रमुख कॉलेज हैं. परीजात व्रिक्ष, धोपाप मंदिर, लोहरामाउ देवी मंदिर, सीताकुंड सुल्तानपुर के प्रमुख दार्शनीय स्थल हैं.