Updated : 09 March 2018, 01:29 PM
सुप्रीम कोर्ट की संविधान बेंच ने अपने फैसले में कहा है कि किसी शख़्स को ये अधिकार दिया जा सकता है जिसमे वो ये वसीयत कर सके कि लाइलाज़ बीमारी से पीड़ित होने पर/ कोमा जैसी स्थिति में पहुचंने पर उसे लाइफ सपोर्ट सिस्टम के जरिये जबरन जिंदा ना रखा जाए। इच्छा मृत्यु को भी कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी गई। इसमे कोमा में पड़े लाइलाज मरीज़ को वेंटिलेटर जैसे लाइफ स्पोर्ट सिस्टम से निकाल कर मरने दिया जाता है।