Updated : 10 September 2019, 04:04 PM
इस्लामिक कैलेंडर (Islamic Calender) के मुताबिक, आज यानी मुहर्रम के दिन से ही मुसलमानों के नए साल की शुरुआत होती है. इसे साल-ए-हिजरत (जब मोहम्मद साहब मक्के से मदीने के लिए गए थे) भी कहा जाता है. मुहर्रम किसी त्योहार या खुशी का महीना नहीं है, बल्कि ये महीना मातम मनाने का है. इसीलिए इसे 'ग़म का महीना' भी कहा जाता है.आइये हम आपको बताते हैं कि मुहर्रम का महीना गम का क्यों होता है और इससे जुड़ी कई बातें-