Updated : 23 September 2017, 08:37 AM
राम केवट की मदद से नदी के उस पार जाते हैं और उसकी भक्ति को देखकर वो प्रसन्न होते हैं। वन में प्रवास के दौरान सूर्पनखा घूमती हुई राम की कुटिया पर आ जाती है और उनसे विवाह का प्रस्ताव रखती है। लेकिन राम और लक्ष्मण दोनों मना कर देते हैं। जिससे नाराज़ हो वो सीता को मारने दौड़ती है। लक्ष्मण उसकी नाक काट लेते हैं। वो रोती रावण के पास जाती है और रावण अपने मामा मारीच को मृग के रूप में राम की कुटिया के पास भेजता है। सीता राम से उसे पकड़ कर लाने के लिये कहती हैं और राम धनुष बाण लेकर मृग के पीछे चले जाते हैं।