Updated : 16 March 2020, 06:45 PM
मध्य प्रदेश की सियासी लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. राज्यपाल के आदेश के बाद भी फ्लोर टेस्ट न कराने और विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक स्थगित करने के मामले को लेकर सोमवार को मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 9 विधायकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई. इस अर्जी में कहा गया कि कमलनाथ सरकार बहुमत खो चुकी है. इस सरकार के एक दिन भी अब सत्ता में बने रहने का अब कोई नैतिक, क़ानूनी, लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकार नहीं है. मुख्यमंत्री की ओर से अल्पमत को बहुमत में बदलने के लिए विधायकों को धमकी से लेकर प्रलोभन दिये जा रहे हैं. विधायकों की खरीद फरोख्त जारी है.
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