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विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा, परमाणु आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है, इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते

इस बैठक में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इस बैठक का उद्घाटन विदेश सचिव एस जयशंकर ने किया।

Updated on: 08 Feb 2017, 01:01 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली में बुधवार से तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परमाणु सुरक्षा बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक का उद्घाटन विदेश सचिव एस जयशंकर ने किया। इस दौरान आतंकवाद को वैश्विक सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताते हुए विदेश सचिव एस जयशंकर ने कहा कि परमाणु आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है। इसे किसी भी स्थिति में नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं।

गौरतलब है कि इस बैठक में 100 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इसका आयोजन विश्व में बढ़ते आतंकवाद के खतरे और आतंकियों द्वारा परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की आशंकाओं को ध्यान में रखकर इससे निपटने के लिए दुनियाभर के देशों के बीच सहयोग की जरूरत पर बल देने के लिए किया गया।

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एस जयशंकर ने कहा कि विकास ही व्यापक वैश्विक प्रतिक्रिया की प्राथमिकता है। आतंकवाद एक अंतरराष्ट्रीय खतरा है। इसे किसी भी हालत में नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। पूरा विश्व परमाणु के विनाशकारी शक्ति को देख चुका है।

भारत के विदेश सचिव ने आगे कहा कि आतंकियों के खतरों के बीच भेदभाव अच्छा या बुरा और मेरा या तुम्हारा की प्रवृत्ति के रूप में पहचाना जा रहा है। एस जयशंकर ने आगे कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी भयावह स्थिति दोबारा दोहराई ना जाए।'

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एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने साल 1996 में ही अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक कन्वेंशन प्रस्तावित कर दिया था। उम्मीद है कि इसे बहुत जल्द अपनाया जाएगा।

विदेश मंत्रालय परमाणु उर्जा विभाग के समन्वय से 8-10 फरवरी तक 'ग्लोबल इनीशिएटिव टू कम्बैट न्यूक्लियर टेररिज्म' के क्रियान्वयन एवं आकलन समूह बैठक की मेजबानी कर रहा है। विभिन्न सहयोगी देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के करीब 100 प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

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