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कोर्ट की मदद से अनुच्छेद 370 रद्द करा सकती है BJP: उमर अब्दुल्ला

नैशनल कान्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने मुफ्ती सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि बीजेपी न्यायपालिका के जरिए अनुच्छेद 370 रद्द करा सकती है।

Updated on: 28 Jan 2017, 11:24 PM

highlights

  • नैशनल कान्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी न्यायपालिका के जरिए अनुच्छेद 370 रद्द करा सकती है
  • उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी यह समझ चुकी है कि अनुच्छेद 370 को विधायिका के जरिये नहीं हटाया जा सकता है, इसलिए वह न्यायपालिका के जरिए ऐसा कर सकती है

New Delhi:

नैशनल कान्फ्रेंस प्रमुख उमर अब्दुल्ला ने मुफ्ती सरकार को आगाह करते हुए कहा है कि बीजेपी न्यायपालिका के जरिए अनुच्छेद 370 रद्द करा सकती है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बीजेपी अनुच्छेद 370 रद्द करने के लिए न्यायपालिका का इस्तेमाल कर सकती है क्योंकि ' उन्हें पता है कि वह यह काम विधायिका के जरिये नहीं कर सकते।' जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार है।

उमर ने विधानसभा में कहा, 'बीजेपी ने यह मान लिया है कि वह विधायिका के जरिये अनुच्छेद 370 समाप्त नहीं कर सकते। जब वह विधायिका के जरिये ऐसा नहीं कर सकते तो इसके लिए वह न्यायपालिका का रास्ता अपना सकते हैं।'

उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी-बीजेपी सरकार को आगाह करते हुए कहा कि यदि इससे किसी तरह की छेड़छाड़ का प्रयास किया गया तो बड़ा विवाद हो सकता है।
उमर अबुदुल्ला ने कोर्ट में सिक्यॉरिटाइजेशन ऐंड रीकंस्ट्रक्शन ऑफ फाइनैंशल असेट्स ऐंड इन्फोर्समेंट ऑफ सिक्यॉरिटी इंटरेस्ट (सरफेसाई) ऐक्ट को लेकर कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कमजोर पक्ष रखे जाने की भी निंदा की। कोर्ट ने इस विवाद में फैसला जम्मू-कश्मीर सरकार के खिलाफ फैसला दिया था।

यह कानून बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को लोन की रिकवरी के लिए आवासीय और वित्तीय संपत्तियों की नीलामी की अनुमति देता है। मामले में फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर की संप्रभुता संविधान से परे नहीं है।

पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि भारत और उसके संविधान के दायरे से बाहर जम्मू-कश्मीर के पास कोई संप्रभुता और विशेषाधिकार नहीं नहीं हैं। यही नहीं शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया था कि सूबे के नागरिक सर्वप्रथम भारत के सिटिजन हैं।