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अखिलेश सरकार को झटका, विधानसभा चुनावों से पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 17 ओबीसी जातियों को एससी कोटे में शामिल करने पर लगाई रोक

अखिलेश यादव सरकार को विधानसभा चुनावों से पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया करारा झटका, राज्य की 17 ओबीसी जातियों को एससी केटेगरी में शामिल करने पर लगाई रोक।

Updated on: 24 Jan 2017, 02:51 PM

highlights

  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को किया निरस्त, 17 ओबीसी जातियों को एससी कोटे में शामिल करने से इंकार 
  • राज्य सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में 17 ओबीसी जातियों को एससी केटेगरी की लिस्ट में शामिल करने का फैसला किया था

नई दिल्ली:

विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी को इलाहाबाद कोर्ड ने तगड़ा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश की हाई कोर्ट ने सरकार के 17 अन्य पिछड़ा वर्ग को एससी केटेगरी में शामिल करने के फैसले पर रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीज़न बेंच ने यह फैसला दिया है।

इससे पहले राज्य की सरकार ने कैबिनेट मीटिंग में प्रदेश की 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जाति की लिस्ट में शामिल करने के फैसले पर मुहर लगा दी थी।

सरकार के इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कोर्ट ने यह आदेश दिया है। 

कोर्ट ने कहा है कि इन 17 जातियों को एससी जाति में शामिल होने का सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। इसके लिए कोर्ट ने इसके लिए प्रमुख सचिव समाज कल्याण को निर्देश भी जारी किया है।

कोर्ट के इस आदेश से समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनावों में नुकसान हो सकता है। गौरतलब है कि राज्य में 4 फरवरी से विधानसभा चुनावों का दौर शुरु हो रहा है। उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए 7 चरणों में चुनाव होने हैं और इसकी शुरुआत 4 फरवरी से होगी।

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