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पाकिस्तान की गुहार, कहा सिंधु समझौते पर वादे से नहीं मुकर सकता विश्व बैंक

सिंधु जल समझौते पर भारत की तरफ के काम तेज किए जाने के बाद पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुहार लगाई है। रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान ने विश्व बैंक से कहा कि वह इस समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का पालन करे।

Updated on: 25 Dec 2016, 11:27 AM

highlights

  • सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान ने लगाई विश्व बैंक से गुहार
  • पाकिस्तान ने कहा कि विश्व बैंक सिंधु जल समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता से नहीं मुकर सकता

New Delhi:

सिंधु जल समझौते पर भारत की तरफ के काम तेज किए जाने के बाद पाकिस्तान ने विश्व बैंक से गुहार लगाई है। रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक पाकिस्तान ने विश्व बैंक से कहा कि वह इस समझौते को लेकर अपनी प्रतिबद्धता का पालन करे।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने विश्व बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम को लेटर लिखकर सिंधु जल समझौते के बारे में उसकी प्रतिबद्धतो को पूरा किए जाने की मांग की है। डार ने कहा कि विश्व बैंक के पहले के फैसले से पाकिस्तान के हितों और अधिकारों का नुकसान होगा जो उसे 1960 की संधि से मिला हुआ है। वित्त मंत्री ने कहा कि विश्व बैंक के रोक लगाए जाने से पाकिस्तान अब दूसरे मंच से अपनी समस्याओं के बारे में आवाज नहीं उठा पा रहा है।

इससे पहले हफ्ते में विश्व बैंक ने सोमवार को इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच होने वाली मध्यस्थता पर रोक लगा दी थी। भारत सिंधु नदी पर बांध बना रहा है। विश्व बैंक ने यह कहते हुए दोनों देश के बीच चल रही मध्यस्थता पर रोक लगा दी थी कि 'दोनों देशों को अपने मतभेद सुलझाने के लिए किसी वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में सोचना चाहिए।'

उरी हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव के बाद भारत ने सिंधु जल समझौते की समीक्षा को लेकर काम तेजा कर दिया था। पाकिस्तान पर दबाव बनाने के लिए भारत ने साफ कर दिया था कि वह अब इस समझौते के तहत मिलने वाले पूरे पानी का इस्तेमाल करेगा। भारत अभी तक समझौते के तहत अपने हिस्से के पूरे पानी का इस्तेमाल नहीं करता रहा है।

इस बीच भारत ने सिंधु जल समझौते (आईडब्‍ल्‍यूटी) के तहत अपने हिस्से के पूरे पानी का इस्तेमाल किए जाने की कोशिशें तेज कर दी हैं। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ दबाव बनाने के लिए कूटनीतिक स्तर पर काम करते हुए सिंधु जल समझौते की समीक्षा किए जाने की बात की थी।

शुक्रवार को इस मसले को लेकर गठित उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की पहली बैठक हुई। बैठक में जमीनी स्तर पर काम तेज किए जाने कि दिशा में बेहतर समन्वय स्थापित किए जाने को लेकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर की सरकार को भी साथ लाने पर बात हुई।

बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा ने की। बैठक में कश्मीर में प्रस्तावित हाइड्रो-पावर प्रॉजेक्‍ट्स संबंधी कार्य को रफ्तार देने और स्‍टोरेज कपैसिटी सहित जरूरी इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर को तैयार करने पर विचार किया गया ताकि सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों से पानी का इस्‍तेमाल किया जाए।