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फांसी देने वाले देशों में पाकिस्तान तीसरे स्थान पर

अपराध के दोषियों को फांसी देने के मामले में पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है।

Updated on: 18 Dec 2016, 05:23 PM

नई दिल्ली:

अपराध के दोषियों को फांसी देने के मामले में पाकिस्तान तीसरे स्थान पर है। दरअसल पेशावर आर्मी पब्लिक स्कूल (एपीएस) पर आतंकी हमले के बाद से पिछले दो सालों में 419 दोषियों को फांसी पर लटकाया गया है। फांसी देने के मामले में ईरान पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर सऊदी अरब है।

6 दिसंबर, 2014 को आतंकियों ने स्कूल पर हमला कर 50 से ज्यादा मासूमों का कत्ल कर दिया था। एपीएस पर बर्बर आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सरकार ने नेशनल एक्शन प्लान (एनएपी) को लागू किया था। जिसके तहत देश भर में आतंकवाद रोधी कदम उठाए गए।

इसके बाद कई आतंकियों को सजा देने में तेजी लाई गई और कईयों को फांसी पर लटकाया गया। हालांकि इसके 3 महीने बाद नेशनल एक्शन प्लान के तहत आतंकवाद के अलावा अन्य अपराधों में भी फांसी की सजा का प्रावधान किया गया।

पाकिस्तान में 2008 से फांसी की सजा पर रोक थी। लेकिन आतंकवाद को रोकने के लिए 2014 में फिर से फांसी की सजा दी जाने लगी। जिसे मार्च 2015 में अन्य अपराधों के लिए भी लागू कर दिया गया।

जस्टिस प्रोजेक्ट पाकिस्तान (जेपीपी) के अधिकारी रिम्मेल मोहिदीन ने कहा, 'सरकार ने यह कदम प्रभावी तरीके से आतंकवाद से निपटने के लिए उठाया था। लेकिन सरकार ने इस रोक को खत्म करने के लिए कभी सार्वजनिक तौर पर स्पष्टीकरण नहीं दिया।'

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उन्होंने कहा, 'नई नीति को बिना किसी विचार-विमर्श के ही लागू कर दिया गया था।' जेपीपी की ओर से जारी किए गए आंकड़े के अनुसार दिसंबर, 2014 के बाद से अब तक दी गई कुल फांसी की सजाओं में कुल 16 प्रतिशत आतंकी थे, जबकि अन्य लोगों में विकलांग, मानसिक विक्षिप्त और नाबालिग कैदी शामिल थे।

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