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अमेरिका में शरण मांग रही है पहली अफगान महिला पायलट

अफगानिस्तान में अच्छे के लिए चीजें नहीं बदल रही हैं, बल्कि चीजें और भी बदतर होती जा रही है।

Updated on: 24 Dec 2016, 10:07 PM

नई दिल्ली:

2013 में अफगानिस्तान की पहली महिला वायुसेना पायलट बनने का खिताब अपने नाम करने वाली कैप्टन निलोफर रहमानी अब अमेरिका से शरण मांग रही है। टेक्सास में 15 महीने के लंबे प्रशिक्षण के बाद कैप्टन रहमानी ने अमेरिका में रहने की इच्छा जाहिर की है। 

रहमानी ने न्यूयॉर्क टाइम्स से शनिवार को बातचीत के दौरान कहा,'अफगानिस्तान में अच्छे के लिए चीजें नहीं बदल रही हैं, बल्कि चीजें और भी बदतर होती जा रही है। वह अब भी अमेरिका की सैनिक पायलट बने रहना चाहती हैं, लेकिन अपने देश के झंडे तले नहीं।'

इस महिला पायलट ने पहले ही अमेरिका में शरण लेने की इच्छा जाहिर कर चुकी है और इसके लिये आवेदन भी किया था। रहमानी को उम्मीद है कि अमेरिका उन्हें वायुसेना में शामिल होने का भी मौका देगा। 

पिछले साल ऐसी खबरें आई थीं कि रहमानी को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।

अमेरिका की प्रथम महिला ने बीते साल एक कार्यक्रम में उनके लिए कहा था, 'रहमानी अन्य युवा महिलाओं को अपने पदचिह्नों पर चलने को प्रोत्साहित करने के लिए 18 साल की उम्र में ही फ्लाइट स्कूल खोलने का सपना देख रही हैं।'

लड़ाकू विमान की पहली महिला पायलट होने के कारण रहमानी अफगानिस्तान की मशहूर हस्तियों में से एक हैं। उन्हें पिछले साल वाशिंगटन में अंतर्राष्ट्रीय साहसी महिला पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।