संयुक्त राष्ट्र के अनुसार संघर्षरत देशों में बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले बढ़े
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि संघर्षरत देशों में 22 करोड़ बच्चे त्रासदी से प्रभावित हो रहे हैं। ये बच्चे न सिर्फ संघर्ष से प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि इन बच्चों के खिलाफ अपराध भी बढ़ा है।
संयुक्त राष्ट्र:
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि संघर्षरत देशों में 22 करोड़ बच्चे त्रासदी से प्रभावित हो रहे हैं। ये बच्चे न सिर्फ संघर्ष से प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि इन बच्चों के खिलाफ अपराध भी बढ़ा है।
बच्चों एवं सशस्त्र संघर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि लीला जेरोगुई ने कहा है कि दुनिया भर के 20 संघर्षरत क्षेत्रों में 22 करोड़ से अधिक बच्चे रहते हैं।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, जेरोगुई ने कहा, "सशस्त्र संघर्ष से प्रभावित दुनिया के 20 देशों में 22 करोड़ से अधिक बच्चे रहते हैं। इनमें आठ अरब देश और आठ अफ्रीकी देश शामिल हैं।"
जेरोगुई ने अफ्रीका में शांति एवं सुरक्षा विषय पर आयोजित एक चौथे उच्चस्तरीय सेमिनार से इतर यह बात कही। सेमिनार का आयोजन रविवार को अल्जीरिया में राजधानी अल्जीयर्स से करीब 420 किलोमीटर दूर ओरान में हुआ था।
संयुक्त राष्ट्र अधिकारी ने कहा कि ये त्रासदीपूर्ण घटनाएं भावी पीढ़ियों को प्रभावित कर रही हैं, इसलिए इन संघर्षरत इलाकों से कुल 6.5 करोड़ लोग पलायन कर चुके हैं, जिनमें 2.8 करोड़ बच्चे भी शामिल हैं।
जेरोगुई ने कहा कि बच्चों के खिलाफ छह बड़े और गंभीर अपराध किए जाते हैं, जिनमें उनका अंग भंग करने, फांसी देना, यौन हिंसा, जबरन भर्ती, स्कूलों एवं अस्पतालों पर हमले, अपहरण और मानवीय सहायता उपलब्ध न कराना शामिल हैं।
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