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200 राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द कर सकता है चुनाव आयोग

चुनाव आयोग का मानना है कि ये राजनीतिक दल काले धन को सफ़ेद करने के लिए बनाये गए हैं।

Updated on: 21 Dec 2016, 11:52 AM

New Delhi:

 

चुनाव आयोग जल्द ही तकरीबन 200 राजनीतिक दलों को डी-रजिस्टर करने वाली है। इस बारे में जल्दी केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड को जल्द ही सूचना दी जाएगी। उचित कार्रवाई के बाद ये दल चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। चुनाव आयोग का मानना है कि ये राजनीतिक दल काले धन को सफ़ेद करने के लिए बनाये गए हैं। जो पार्टियां डी-रजिस्टर की जा रहीं हैं, उन्होंने 2005 से कोई चुनाव नहीं लड़ा है। कई दलों ने आयकर रिटर्न भी नहीं भरा है या अगर भरा भी है तो उसकी कॉपी विभाग को नहीं भेजी है।

संविधान के अनुच्‍छेद 324 के तहत चुनाव आयोग को यह अधिकार है कि वह राजनीतिक दलों को डी-रजिस्टर कर सके। इसी ताकत का इस्तेमाल करते हुए इन दलों का पंजीकरण ख़त्म किया जा सकेगा।

इस वक़्त देश में 7 राष्ट्रीय दल और 58 प्रादेशिक दल हैं जो व्यावसायिक और मजबूत तरीके से चुनाव लड़ते हैं। इसके अलावा 1786 राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनमें कुछ ही जानी जाती हैं. बाकी दल गुमनाम हैं, जिनका कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है।

भारत के कई शहरों में ये आम चलन है कि छोटे-छोटे राजनीतिक दल बनाकर पैसे की उगाही की जाय। ऐसे दलों की कोई मंशा नहीं होती कि वो राजनीतिक हस्तक्षेप करें।

इस कदम से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि काले धन को सफ़ेद करने के लिए राजनीतिक पार्टी बनाना गैरकानूनी है।