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यूपी विधानसभा चुनाव: राहुल गांधी ने कहा, बीजेपी जहां भी जाती है, नफरत फैलाती है

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी जहां भी जाती है नफरत फैलाती है।

Updated on: 15 Feb 2017, 08:08 PM

लखनऊ/बाराबंकी:

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार में जुटे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जहां भी जाती है नफरत फैलाती है। उन्होंने कहा, 'हम बीजेपी और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) को यह संदेश देना चाहते हैं कि जितना आप हमें लड़ाएंगे, हम उतना ही लोगों से प्रेम और मेल जोल बढ़ाएंगे।'

कांग्रेस-समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन का प्रचार करने बाराबंकी पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा, 'मोदी जी को सिर्फ भाषण देने में बड़ा मजा आता है, काम करने में नहीं। ढाई साल से सिर्फ बोल ही रहे हैं, काम करने में उनकी दिलचस्पी नहीं है। काम तो सपा व कांग्रेस की सरकारें ही करती हैं। हर कोई जानता है कि आजादी के बाद से देश में जो भी विकास का काम हुआ, वह कांग्रेस ने किया या ढाई साल की मोदी सरकार ने?'

राहुल ने कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य पीएल पुनिया के बेटे और जैदपुर से कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया के समर्थन में आयोजित जनसभा में कहा, 'मोदी जी ने हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन ढाई साल बीत गए, अब तक एक लाख युवाओं को भी रोजगार नहीं मिला।'

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उन्होंने कहा कि मोदी ने काले धन के खिलाफ लड़ाई की आड़ में नोटबंदी जैसा जनविरोधी फैसला लेकर पूरे हिंदुस्तान को लाइन में खड़ा कर दिया, लेकिन इस कदम से कितना काला धन बाहर आया, इसका कोई हिसाब नहीं दे रहा है, न प्रधानमंत्री और न वित्तमंत्री। जब आरबीआई के गवर्नर से पूछा जाता है तो वह बगलें झांकने लगते हैं।

राहुल ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर जो कतारें लगीं, उनमें कोई सूट-बूट वाला या चोर नहीं खड़ा था। गरीबों, किसानों और देश के बूढ़े, नौजवानों व महिलाओं तक को लाइन में लगे रहने को मजबूर कर मोदी ने जो लोगों को दर्द दिया, उसे देश कभी नहीं भूलेगा। समूची अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है, हजारों लोग बेरोजगार हो गए हैं, सौ से ज्यादा मौतें हुई हैं।

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उन्होंने कहा कि जब लोग नोटबंदी के फायदे के बारे में पूछने लगे, तो जवाब न देकर मोदी सरकार ने कैशलेस प्रणाली की बात छेड़कर ध्यान बंटाने का प्रयास किया। ऐसी प्रणाली जो किसानों, गरीबों और मजदूरों की समझा से परे है। मोदी अगर बचे ढाई सालों में अगर कुछ कर सकते हैं तो किसानों का पूरा कर्जा माफ कर दें।

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