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सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, फिल्म के दौरान बजने वाले राष्ट्रगान पर खड़ा होना जरुरी नहीं

मंगलावर को सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि अगर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री के दौरान राष्ट्रगान बजता है तो उसमें खड़े होने की जरुरत नहीं है। यानि अगर राष्ट्रगान फिल्म का हिस्सा है तो खड़े होने की जरुरत नहीं है।

Updated on: 14 Feb 2017, 04:20 PM

नई दिल्ली:

सिनेमा हॉल में बजने वाले राष्ट्रगान के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक नया फैसला दिया। मंगलावर को सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया कि अगर फिल्म या डॉक्यूमेंट्री के दौरान राष्ट्रगान बजता है तो उसमें खड़े होने की जरुरत नहीं है। यानि अगर राष्ट्रगान फिल्म का हिस्सा है तो खड़े होने की जरुरत नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यह एक अंतरिम आदेश है, राष्ट्रगान पर खड़ा होना क्या आवश्यक है या नहीं इस मुद्दे पर बहस की जरुरत है। साथ ही अदालत ने कहा कि हम नैतिकता के पहरेदार नहीं हैं। इस मामले को लेकर केंद्र सरकार ने जवाब देते हुए कहा कि राष्ट्रगान पर खड़े होने को लेकर कानून नहीं है।

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फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजने पर खड़ा होना जरुरी

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर असमंजस को साफ करते हुए कहा कि अगर फिल्म के पहले राष्ट्रगान बजता है तो लोगों को खड़ा होना जरूरी है लेकिन फिल्म के बीच में किसी सीन के दौरान यह बजता है तो दर्शक इस पर खड़े होने के लिए बाध्य नहीं हैं।

क्या था पूरा मामला?

30 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया था कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलवाना होगा। इसके अलावा राष्ट्रगान के वक्त स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाना की जरूरी किया गया था।

राष्ट्रगान के सम्मान में सभी दर्शकों को खड़ा होना होगा यह भी कहा गया था। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कई ऐसे मामले सामने आए जिसमें राष्ट्रगान के दौरान खड़े ना होने वाले की पिटाई की गई।

  • HIGHLIGHTS
  • फिल्म या डॉक्यूमेंट्री के दौरान राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े होने की जरुरत नहीं: SC
  • इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजने के दौरान खड़े होने का आदेश दिया था