Video: वैद्य के बयान से RSS का किनारा, कहा आरक्षण जारी रहेगा
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने संबंधी बयान को लेकर आरएसएस घिरी है। वहीं आरएसएस ने एमजी वैद्य और मनमोहन वैद्य के बयानों से किनारा कर लिया है।
highlights
- आरएसएस ने कहा, संविधान के अनुसार आरक्षण जारी रहनी चाहिए
- आरएसएस ने वैद्य के बयान से किया किनारा, कहा- आरक्षण की आवश्यकता आज भी है
- बीएसपी, कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों ने आरएसएस नेता के बयान पर साधा निशाना
नई दिल्ली:
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले आरक्षण खत्म करने संबंधी बयान को लेकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) घिरी है। बीएसपी, कांग्रेस, आरजेडी समेत कई दलों ने आरक्षण के पक्ष में आवाज उठाते हुए बीजेपी और आरएसएस को आड़े हाथों लिया है।
वहीं आरएसएस ने अपने प्रवक्ता और प्रचारक मनमोहन वैद्य और उनके पिता एमजी वैद्य के बयान से किनारा कर लिया है। आरएसएस के सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, 'एमजी वैद्य ने आरक्षण के विषय में जो बयान दिया है वह उनका व्यक्तिगत अभिप्राय है। आरएसएस उससे सहमत नहीं है।'
होसबोले ने आरक्षण को लेकर कहा, 'संघ का मत स्पष्ट है कि एससी, एसटी, ओबीसी के लिए संविधान प्रदत आरक्षण जारी रहनी चाहिए उसकी आवश्यकता आज भी वह जारी रहना चाहिए।'
उन्होंने अपने आलोचकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा, 'आरक्षण के विषय में आरएसएस के मत को लेकर कुछ विवाद जारी करने का प्रयास चल रहा है। हम इसका कड़ा विरोध करते हैं।
और पढ़ें: मायावती का बीजेपी पर अटैक, आरक्षण संवैधानिक हक, भाजपा-आरएसएस इसे खत्म नहीं कर सकते
#WATCH: Official statement of RSS Sahasarkaryavah Dattatreya Hosabale on reservation to SC, ST and OBC. pic.twitter.com/ZFhoqu6rss
— ANI (@ANI_news) January 21, 2017
मनमोहन वैद्य के बयान पर जारी विवाद के बीच एमजी वैद्य ने शनिवार को कहा था, 'एससी-एसटी के लिए आरक्षण की आवश्यकता है लेकिन बाकी जिन्हें आरक्षण मिल रहा है उन्हें इसका लाभ मिला है या नहीं इसके लिए एक निष्पक्ष कमेटी का गठन हो जो इसकी समीक्षा करे। कुछ जातियों को छोड़कर बाकी जातियों और समुदायों को मिलने वाले आरक्षण की समीक्षा होनी चाहिए।'
और पढ़ें: राम विलास पासवान ने कहा, आरक्षण कोई खैरात नहीं जिसे कोई भी खत्म कर दे
वहीं एमजी वैद्य के बेटे मनमोहन वैद्य ने शुक्रवार को जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में कहा था, 'आरक्षण के नाम पर सैकड़ों साल तक लोगों को अलग करके रखा गया, जिसे खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है इन्हें साथ लाने के लिए आरक्षण को खत्म करना होगा। आरक्षण देने से अलगाववाद को बढ़ावा मिलता है। आरक्षण के बजाय अवसर को बढ़ावा देना चाहिए।'
आरएसएस के दो वरिष्ठ प्रचारकों के बयान के बाद चुनावी राज्यों खासकर यूपी में सियासत तेज हो गई है। बीएसपी अध्यक्ष मायावती, आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस के बयान की कड़ी आलोचना की थी और यूपी चुनाव हारने के लिए आगाह किया था।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी आरक्षण को लेकर बयान दिया था। इसके बाद खुद प्रधानमंत्री मोदी को सामने आकर कहना पड़ा था कि आरक्षण कोई हाथ भी नहीं लगाएगा।
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Dharma According To Ramayana: रामायण के अनुसार धर्म क्या है? जानें इसकी खासियत
-
Principles Of Hinduism : क्या हैं हिंदू धर्म के सिद्धांत, 99% हिंदू हैं इससे अनजान
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन शुभ मुहूर्त में खरीदें सोना-चांदी, भग्योदय होने में नहीं लगेगा समय
-
Types Of Kaal Sarp Dosh: काल सर्प दोष क्या है? यहां जानें इसके प्रभाव और प्रकार के बारे में